पूर्वोत्तर भारत में मछली उत्पादन को मिलेगी नई रफ्तार: आइजोल पहुंचे केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन
पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क और फिश फीड स्टार्टअप्स पर फोकस, एफएफपीओ मॉडल के जरिए वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार सक्रिय
आइजोल, मिज़ोरम | 24 मई 2025(PIB) उत्तर-पूर्व भारत के दूरस्थ राज्य मिज़ोरम में मत्स्य उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक और ठोस कदम उठाया है। शनिवार को केंद्रीय राज्य मंत्री (मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों) श्री जॉर्ज कुरियन ने राजधानी आइजोल और आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने मत्स्य पालकों की चुनौतियों, योजनाओं और संभावनाओं का सीधा आकलन किया।
हवाई अड्डे पर हुआ गर्मजोशी से स्वागत
श्री कुरियन का स्वागत मिज़ोरम सरकार के मत्स्य मंत्री लालथनसांगा, मत्स्य विभाग के सचिव इंजीनियर लालरोथांगा, निदेशक लालत्लेइपुई और अन्य विभागीय अधिकारियों ने लेंगपुई एयरपोर्ट पर पारंपरिक अंदाज़ में किया।
दौरे का पहला पड़ाव: लेंगपुई क्षेत्र के निजी मछली तालाब
केंद्रीय मंत्री ने लालडेंगा मत्स्य प्रदर्शन फार्म और एनईसी (उत्तर-पूर्वी परिषद) के तहत प्रस्तावित प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। मछली पालकों ने फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी प्रशिक्षण से जुड़ी कठिनाइयों से उन्हें अवगत कराया।
ममित जिले में बनने वाले इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क को लेकर आशाएं
राज्य सरकार ने ममित जिले के जौलनुआम में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। यह पार्क मछली उत्पादन, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और निर्यात की पूरी श्रृंखला को एकीकृत करेगा।
एफएफपीओ मॉडल: मछली पालकों की आर्थिक रीढ़
श्री कुरियन ने Fish Farmer Producer Organization (FFPO) के तहत इक्विटी अनुदान को बढ़ावा देने की बात कही, ताकि छोटे मछुआरों को भी बड़े बाज़ार में प्रतिस्पर्धा का मौका मिले।
मछली चारा स्टार्टअप्स की संभावनाएं उजागर
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर मछली चारा उत्पादन को स्टार्टअप मॉडल के तहत विकसित किया जा सकता है, जिससे रोज़गार और आत्मनिर्भरता को भी बल मिलेगा।
पीएम मत्स्य संपदा योजना: नीली क्रांति की नई लहर
आइजोल के खाटला क्षेत्र में उन्होंने सजावटी मछलियों की इकाइयों का दौरा किया, जिन्हें पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत बिक्री केंद्र बनाया गया है।
PMMSY का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता, मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण, रोजगार सृजन और ‘ब्लू इकोनॉमी’ का विस्तार है।
26.5% भूमि एक्वाकल्चर के लिए उपयुक्त: मिज़ोरम की रिपोर्ट
राज्य अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि मिज़ोरम की कुल 24,000 हेक्टेयर भूमि में से 26.5% भूमि मत्स्य पालन और जलीय कृषि के लिए आदर्श है। इस भूमि का समुचित उपयोग कर मिज़ोरम को पूर्वोत्तर भारत का मछली हब बनाया जा सकता है।
जन-जागरूकता और प्रशिक्षण: सरकार की प्राथमिकता
श्री कुरियन ने कहा कि केंद्र सरकार मछुआरों के बीच सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए विशेष आउटरीच कार्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए प्रशिक्षित अधिकारियों की टीमों को भेजा जाएगा।
उत्तर-पूर्व को केंद्र की प्राथमिकता
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर-पूर्व भारत, विशेषकर मिज़ोरम जैसे राज्यों में मत्स्य क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं और केंद्र सरकार इस दिशा में तेज़, ठोस और दीर्घकालिक पहल के लिए प्रतिबद्ध है।