उत्तराखण्ड का खान-पान एक अभियान’’ के सूत्रधार जय प्रकाश कृथ्वाल।

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल -‘उत्तराखण्ड का खान पान एक अभियान’’
लोक जीवन विकाश भारती बूढाकेदार आश्रम के स्कूल ;जीवन शिक्षण विद्यालयद्ध के पूर्व छात्र रहे जय प्रकाश कृथ्वाल जो पेशे से शिक्षक है । 2016 से MDM (मध्यान भोजन) अब पीएम पोषण योजना के प्रभारी हैं। 2016 से इन्होंने पारंपरिक भोजन को MDM मैं महत्व दिया। कोविड 19 लाॅकडाउन के बाद उत्तराखण्ड का पारंपरिक भोजन ;गढ़भोज के नाम सेद्ध को अपने संसाधनों से पीएम पोषण मे सप्ताह मे एक दिन परोसते रहे।
वर्ष 2022 दिनंाक 09.06.2022 को शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत उत्तराखण्ड सरकार को
जय प्रकाश कृथ्वाल द्वारा उत्तराखण्ड के पारंपरिक भोजन को पी. एम. पोषण मे सप्ताह में एक दिन परोसने का प्रार्थना पत्र एवं विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय वंशीधर तिवारी महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा दिनंाक 11.07.2022 को आदेश जारी किया गया।उत्तराखंड राज्य के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। जय प्रकाश कृथ्वाल द्वारा उत्तराखण्ड के जैविक उत्पाद ;मोटा अनाज पर एक पुस्तक ‘‘प्रधान मंत्री पोषण योजना मिड-डे मील में उत्तराखण्ड का पारम्परिक भोजन’’ लिखी है, जिसका लोकार्पण विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी द्वारा किया गया। जय प्रकाश द्वारा उत्तराखण्ड का पारंपरिक भोजन अपने विद्यालय रा॰इ॰का॰ पिपलीधार डागर कीर्तिनगर टिहरी गढ़वाल से प्रारंभ किया था आज उसको एक नई पहचान मिली है।
जिसको विस्तार रूप देने के लिए अब जय प्रकाश कृथ्वाल ‘‘उत्तराखण्ड का खान-पान एक अभियान’’ के नाम से प्रमोट करने का काम कर रहे है ।
जिसका लोगो है ‘‘मंडुवा की रोटी, कंडाली की काफली’’
वास्तव में उत्तराखण्ड की असली पहचान – मोटे अनाज के तौर पर मंडुवा (कोदा) है और कंडाली है।
आज प्रदेश के सभी अधिकारी हो, नेता हो युवा वर्ग सभी जय प्रकाश कृथ्वाल जी की उत्तराखण्ड का खान-पान एक अभियान से जुड़ रहे है।