मदमहेश्वर घाटी की पतित पावनी मधु गंगा किनारे प्रकृति की वादियों में बसा बुरूवा में पाण्डव नृत्य का समापन

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। मदमहेश्वर घाटी के मध्य बहने वाली पतित पावनी मधु गंगा के किनारे व प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसे बुरूवा गाँव में 12 वर्षों बाद आयोजित पाण्डव नृत्य का समापन पाण्डवों के अस्त्र-शस्त्र विसर्जित के साथ हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि पाण्डवों के अस्त्र-शस्त्र विसर्जित होते ही पाण्डव पश्वाओ, महिलाओं व धियाणियो की आंखें झलक उठा! 22 दिवसीय पाण्डव नृत्य के आयोजन से मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना रहा तथा प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पाण्डव नृत्य में शामिल होकर विश्व समृद्धि की कामना की। पाण्डव नृत्य में गंगा स्नान, तीर्थ यात्रा भ्रमण सहित अनेक धार्मिक, पौराणिक, आध्यात्मिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया। जानकारी देते हुए प्रधान सरोज भटट् ने बताया कि बुरूवा गाँव में ग्रामीणों के सहयोग से विगत 14 नवम्बर को पाण्डव नृत्य का शुभारंभ किया गया था तथा पाण्डव नृत्य के समापन अवसर पर विद्वान आचार्यों व पाण्डव पश्वाओ द्वारा अनेक पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया! देखरेख समिति सरपंच माणिक लाल ने बताया कि केदार घाटी व मदमहेश्वर घाटी में पाण्डव नृत्य की परम्परा पाण्डवों के हिमालय आगमन से है तथा ग्रामीणों द्वारा समय – समय पर पाण्डव नृत्य का आयोजन कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जाती है। वन पंचायत सरपंच बलवीर भटट् ने बताया कि 22 दिवसीय पाण्डव नृत्य में पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्र पाण्डव चौक लाना, गंगा स्नान, तीर्थ यात्रा भ्रमण, नगर भ्रमण, हाथी कौथिग, पैय्या डाली कौथिग, मोरू नारेण स्थापना व दुयोधन वध सहित अनेक पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया। महिला मंगल दल अध्यक्ष चन्द्रकला देवी ने बताया कि पाण्डव नृत्य में केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट्, जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, प्रधान त्रिलोक रावत, बीर सिंह पंवार क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर भटट् सहित विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने बढ़-चढकर भागीदारी की। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश धिरवाण ने बताया कि पाण्डव नृत्य में सभी पाण्डव पश्वाओ व पुजारी नरोत्तम धिरवाण का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मदमहेश्वर घाटी विकास मंच पूर्व अध्यक्ष मदन भटट् भटट ने बताया कि 22 दिवसीय पाण्डव नृत्य में ढोल वादक बृजमोहन लाल व संजय लाल द्वारा ढोल वादन व संगीत पर साथ दिया गया। पाण्डव नृत्य के समापन अवसर पर पूर्व प्रधान राजेन्द्र धिरवाण,विमला देवी, प्रताप सिंह चौहान,सूरज धिरवाण,संजय नेगी,योगेन्द्र भटट्, अनिल,अनिल धिरवाण, वासुदेव धिरवाण,विशाल भटट्, जगदीश भटट्,महावीर भटट्, संजय धिरवाण राय सिंह भटट्, उमेद चौहान,नन्दराम,विनोद बुरियाल सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सैकड़ों श्रद्धालुओं मौजूद थे।