प्रधानमंत्री मोदी का काराकाट में दमदार संबोधन: आतंक के गढ़ों पर सेना का कहर, बिहार को मिली 48,520 करोड़ की विकास सौगात
काराकाट (बिहार), 30 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के रोहतास जिले के काराकाट में विकास के एक नए युग की आधारशिला रखी। ₹48,520 करोड़ से अधिक की लागत वाली तमाम परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर प्रधानमंत्री ने एक तरफ जहां बिहार को बुनियादी सुविधाओं की सौगात दी, वहीं दूसरी ओर देश के दुश्मनों को दो टूक संदेश भी दिया—“जिन्होंने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर बना दिया।”
बिहार की पावन धरती पर उमड़े विशाल जनसैलाब को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सासाराम और इसके ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख किया और भगवान श्रीराम की परंपरा से इसे जोड़ते हुए कहा, “हमने जो वादा किया है, उसे निभाने का संकल्प भी किया है। यही आज के न्यू इंडिया की नीति है।”
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के जरिए भारत ने दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि एक दिन बाद ही उन्होंने बिहार में आकर प्रतिज्ञा ली थी कि इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने गर्व के साथ कहा, “मैं आज फिर से बिहार में हूं, और कह सकता हूं कि वो संकल्प पूरा हो चुका है। पाकिस्तान में बैठे जो हमारी बहनों का सिंदूर मिटाना चाहते थे, अब उनके ठिकाने खंडहर बन चुके हैं।”
उन्होंने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठान कुछ ही मिनटों में तबाह कर दिए गए। उन्होंने कहा, “भारत की बेटियों के सिंदूर की ताकत क्या होती है, यह पाकिस्तान ने भी देखा और पूरी दुनिया ने भी।”
माओवाद का अंत करीब, विकास की धारा गांव-गांव तक पहुंचेगी
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में माओवादी हिंसा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक समय था जब सासाराम, कैमूर और आसपास के क्षेत्र नक्सल हिंसा से ग्रस्त थे। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
“2014 से पहले 125 से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे, आज यह संख्या घटकर 18 रह गई है। हमारी सरकार न केवल सड़कें बना रही है, बल्कि रोजगार भी दे रही है। वह दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा पूरी तरह समाप्त होगी।”
पटना एयरपोर्ट का हुआ कायाकल्प, दरभंगा बना हवाई यात्रा का नया केंद्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन हो चुका है जो अब एक करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता है। बिहटा एयरपोर्ट में भी ₹1,400 करोड़ का निवेश हो रहा है। उन्होंने दरभंगा हवाई अड्डे को भी बड़ी उपलब्धि बताया जो अब दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से जुड़ा है।
हजारों करोड़ की सड़कें, पुल, रेलवे और बिजली परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने काराकाट से ऐलान किया कि गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदियों पर नए पुल बन रहे हैं, जिससे लाखों लोगों को फायदा होगा। उन्होंने पटना-बक्सर, गया-डोभी और पटना-बोधगया के हाईवे प्रोजेक्ट्स का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये सड़कें बिहार के विकास की रीढ़ बनेंगी।
रेलवे के क्षेत्र में उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत, डबल और ट्रिपल लाइनिंग के कार्यों, और सासाराम में 100 से अधिक ट्रेनों के ठहराव को भी एक बड़ी उपलब्धि बताया।
बिजली उत्पादन में बिहार ने लगाई छलांग
प्रधानमंत्री ने बताया कि नबीनगर में एनटीपीसी की परियोजना पर ₹30,000 करोड़ का निवेश हो रहा है, जिससे राज्य को 1,500 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके अलावा बक्सर और पीरपैंती में नए थर्मल पावर प्लांट्स का भी निर्माण हो रहा है।
हरित ऊर्जा की दिशा में उन्होंने कजरा में सौर पार्क और पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को दिए जा रहे सौर ऊर्जा विकल्पों पर चर्चा की।
मखाना किसानों को मिला तोहफा, एमएसपी में बढ़ोतरी से मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री ने मखाना किसानों को बड़ी सौगात देते हुए मखाना बोर्ड की घोषणा की और बताया कि बिहार के मखाना को जीआई टैग मिल चुका है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में खरीफ की 14 फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण संस्थान की स्थापना होने जा रही है, जो कृषि उत्पादों को नए बाजार और तकनीक से जोड़ेगा।
‘जंगलराज’ से ‘विकासराज’ की ओर बढ़ता बिहार
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि बिहार अब उस दौर से निकल चुका है जब सड़कों पर खून बहता था और शासन ‘जंगलराज’ के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि अब राज्य में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और युवा अब डर से नहीं, अवसरों से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहे हैं।
विपक्ष पर तीखा प्रहार: गरीबों को वोट बैंक समझने वालों ने किया विश्वासघात
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग आज सामाजिक न्याय की बातें कर रहे हैं, वही कभी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखते थे।
“उनके राज में गरीब बैंक में नहीं घुस सकते थे, शौचालय और घर जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं मिलती थीं। आज उन्हीं के नाम पर वोट मांगने की राजनीति की जा रही है। इससे बड़ा धोखा कोई नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों, किसानों और छोटे कारोबारियों को ‘सशक्त करने’ की नीति पर काम कर रही है, न कि सिर्फ वादे करने की।
‘बिहार बिजनेस समिट’ और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष हुए बिहार बिजनेस समिट का उल्लेख करते हुए कहा कि अब राज्य में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। इससे न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि युवाओं को पलायन करने की ज़रूरत नहीं होगी।
न्यू इंडिया की नई तस्वीर बिहार से
प्रधानमंत्री मोदी का काराकाट में दिया गया भाषण सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि नए भारत की तस्वीर है। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब, माओवाद पर निर्णायक वार, किसानों को सीधा लाभ, महिलाओं को सुरक्षा और युवाओं को अवसर—इन सबका संगम बिहार की धरती पर देखने को मिला।
2024 के बाद का यह बिहार, अब सिर्फ चुनावी वादों का प्रदेश नहीं रहा, यह अब उस संकल्प का प्रतीक बन चुका है जिसे प्रधानमंत्री ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के तहत आगे बढ़ाया है।