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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश – किसानों की आय बढ़ाने को ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ होगी प्रारंभ, सहकारिता से बनेगा आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश
लखनऊ, 19 मई 2025-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सहकारिता विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की और प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने घोषणा की कि किसानों की आय वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार जल्द ही ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ प्रारंभ करेगी।

मुख्यमंत्री ने इस योजना को किसानों के लिए कर्जमुक्ति, सुलभ ऋण व्यवस्था, कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा, “सहकारिता के माध्यम से किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के प्रमुख बिंदु:

  • नाबार्ड और सहकारी बैंकों की संयुक्त भागीदारी से योजना का क्रियान्वयन।

  • किसानों को सस्ती दर पर आसान ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था।

  • सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता बढ़ाई जाएगी।

  • शाखाओं के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

  • किसानों तक ऋण की सुगमता सुनिश्चित की जाएगी।

सहकारी बैंकों और संस्थाओं की स्थिति में हुआ बड़ा सुधार

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2017 में जहां उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण 9,190 करोड़ रुपये था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 23,061 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह, जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय 28,349 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,234 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 162 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।

पिछले 8 वर्षों में:

  • फसली ऋण – ₹11,516 करोड़

  • दीर्घकालिक ऋण – ₹393 करोड़

  • धान की खरीद – 25.53 लाख मीट्रिक टन

  • दलहन-तिलहन खरीद – 1.94 लाख मीट्रिक टन

  • उर्वरक वितरण – 3445 लाख मीट्रिक टन

भंडारण क्षमता बढ़ाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भंडारण क्षमता को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है।

  • एआईएफ योजना के तहत 375 गोदामों से 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित।

  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1,060 गोदामों से 1,17,350 मीट्रिक टन की क्षमता सृजित।

  • वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों का निर्माण प्रस्तावित।

  • अन्न भंडारण योजना के तहत 216 जनपदों में 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम प्रस्तावित।

मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु एक उपयुक्त नीति तैयार करने के निर्देश दिए।

सहकारिता क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों पर बल

  • पीसीएफ (प्राइमरी कोऑपरेटिव फेडरेशन) की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार लाने के निर्देश।

  • राइस मिलर्स के भुगतान को तत्काल सुनिश्चित किया जाए।

  • आईबीपीएस के माध्यम से सहकारी क्षेत्र के रिक्त बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग पदों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश।

  • इससे सहकारी संस्थाओं की सेवा गुणवत्ता और कार्यक्षमता में सुधार होगा।

एम-पैक्स समितियों की भूमिकाओं का विस्तार

बैठक में एम-पैक्स समितियों को पीडीएस, जन औषधि, सीएससी, पीएम किसान सम्मान केंद्र, और एमएसपी जैसी योजनाओं से जोड़ने पर चर्चा हुई।

कंप्यूटरीकरण की प्रगति:

  • चरण 1: 1,539 समितियाँ

  • चरण 2: 1,523 समितियाँ

  • चरण 3: 2,624 समितियाँ

  • साइबर सुरक्षा के तहत 50 जिला सहकारी बैंक और यूपी कोऑपरेटिव बैंक को नाबार्ड के सीबीएस क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया।

तकनीक, ऋण और विपणन तक किसानों की पहुंच अनिवार्य

मुख्यमंत्री ने कहा, “सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है। किसानों तक तकनीक, ऋण और विपणन की सुगमता सुनिश्चित करनी होगी, जिससे किसान अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।”

उन्होंने निर्देश दिया कि सहकारिता के माध्यम से नीतिगत सुधारों की प्रक्रिया सतत जारी रहनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदेश का किसान आर्थिक रूप से सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सके।

इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि, भंडारण संरचना का विस्तार, सहकारी संस्थाओं की क्षमताओं का संवर्धन, और तकनीकी एकीकरण पर रहा।

‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के कृषि परिदृश्य को बदलने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, जहां किसान न केवल ऋण से मुक्त होंगे, बल्कि नई तकनीक और बाजार तक पहुंच के साथ समृद्ध और सशक्त भी बनेंगे।

By admin