प्रदीप कुमार
ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। बाला सुन्दरी समाज कल्याण समिति रूद्रप्रयाग के तत्वावधान में भोलेश्वर महादेव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत के आठवें दिन 108 जल कलशों से भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के कीर्तन मण्डलियों से जुड़ी महिलाओं ने शामिल हो कर धर्म की गंगा की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर क्षेत्र की खुशहाली व विश्व समृद्धि की कामना। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के आयोजन से भोलेश्वर महादेव की तपस्थली सहित ऊखीमठ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भगवती बाला त्रिपुर सुन्दरी की डोली व अनेक देवी-देवताओं के निशाण सैकड़ों भक्तों की जयकारों व स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनो पर भोलेश्वर महादेव के निकट सेमला नामक तोक के प्राकृतिक जल स्रोत में पहुंची जहां पर वेदपाठी प्रियांशु सती ने 108 जल कलशों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की तथा महिलाओं ने भगवती बाला त्रिपुर सुन्दरी डोली को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। ठीक 12 बजे 108 जल कलशों से सजी भव्य जल कलश यात्रा भोलेश्वर महादेव मन्दिर व कथा स्थल के लिए रवाना हुई तो महिलाओं के धार्मिक भजनों व जयकारों से सम्पूर्ण भूभाग गुंजायमान हो उठा। जल कलश यात्रा के सीढीनुमा खेत-खलिहानों में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने पुण्य-अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया। जल कलश यात्रा के भोलेश्वर महादेव मन्दिर व कथा स्थल पहुंचने पर प्रधान जल कलश से भोलेश्वर महादेव,जौ की हरियाली व व्यास पीठ का जलाभिषेक किया शेष कलशों का जल भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। व्यास पीठ पर विराजमान देवप्रयाग क्षेत्र के प्रख्यात कथावाचक वेद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों में निकलने वाली जल कलश यात्रा में जो मनुष्य प्रतिभाग करते हैं उनके जन्म-जन्मान्तरों से लेकर युग-युगान्तरों के पापों का हरण होता है। नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा में शशांक पाण्डेय,सन्दीप बड़थ्वाल संगीत व हिंमाशु रतूड़ी द्वारा ध्वनि पर साथ दिया जा रहा है। बाला सुन्दरी समाज कल्याण समिति सचिव सुनील भण्डारी ने बताया कि नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा में प्रति दिन सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। इस मौके सन्त राम दास,वन पंचायत सरपंच किमाणा देवी शंकर त्रिवेदी,रणजीत सिंह रावत,दीन दयाल त्रिवेदी,गुड्डी देवी पुष्वाण,अंजू त्रिवेदी,त्रिलोचनी देवी,कमला पुष्वाण,सुन्दरी देवी,सन्तोष बिष्ट,सर्वेश सेमवाल,बबीता भट्ट,विजया बर्त्वाल,उपेन्द्र जगवाण,शिवम चौहान,मनीष बिष्ट,महादेव नेगी,माहेश्वरी पुष्वाण सहित विभिन्न गांवों की कीर्तन मण्डलियों से जुड़ी महिलाएं व सैकड़ों श्रद्धालुओं मौजूद थे।