प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। खिर्सू मुख्यालय में शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड द्वारा विज्ञापन दिया गया जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा जो एक उद्देश्य पुरानी पेंशन को बहाल करने हेतु सभी अधिकारी/शिक्षक एवं कर्मचारी संघर्षरत है। आपका ध्यान आकृष्ट करना है कि 01 अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त राजकीय पदो पर कार्यरत अधिकारी/शिक्षक/कर्मियों के लिए पुरानी जी.पी.एफ.पेंशन व्यवस्था के तहत राजकीय सेवक अपनी सेवा में रहते हुये प्रतिवर्ष अपनी वेतन से निर्धारित प्रतिशत के अनुसार अपनी वेतन का एक अंश स्वयं के जी.पी.के तहत कटवाते थे जिस पर सरकार द्वारा निर्धारित व्याज प्रक्रिया भी है। अपने सेवाकाल के समय अपनी आवश्यकतानुसार अपने जी.पी.एफ. से अपना पैसा निकाल कर अपनी जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं जैसे अपने बच्चों की शिक्षा/चिकित्सा/विवाह/उच्च शिक्षा/कोर्स आदि को पूर्ण कराते थे। राजकीय सेवक जब अपनी 30 से 33 वर्ष की राजकीय सेवा से एक दिन जब वह विभाग से सेवानिवृति हो रहा होता है तो तब भी उसके जीपीएफ की कुछ राशि उसे मिलती है साथ ही सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे पेंशन मिलती है जिसमें केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित किया गया डी.ए भी जुड़ता है जिससे वह अपना और अपने जीवनसाथी का बुढ़ापा आराम से बिना किसी के आगे हाथ फैलाए जी रहे थे। बिना किसी के आगे हाथ फैलाए जी रहे थे। एनपीएस के तहत सरकार जो हमारे वेतन का अंशदान कट रही हैवह पैसा देश की प्राइवेट कंपनियों के शेयर बाजार की योजना में लगा हुआ है साथ ही सेवानिवृत्ति होने पर सरकार उनके वेतन से काटे गये पैसे से उनकी प्रतिमाह पेंशन दे रही है। जो उन्हें 1000 रुपये से 500 रुपये तक मिल रही है।
इसी संबंध कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड की प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा उनको अवगत कराया गया कि मोर्चे द्वारा समय-समय पर लोकहित के कार्यक्रम जैसे वृक्षारोपण में पौधा रोपित कर, हरेला दिवस-पौधे रोपित राष्ट्रीय पर्वो में स्वच्छता कार्यकम, कोविड़-19 में जरूरतमंदों को संगठन की ओर से अनाज,फल,मास्क,की आवश्यक वस्तुओं का आंवटन किया गया। इसी प्रकार समय-समय पर प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा इसी प्रकार के समाजपयोगी कार्यों को करके जहां एक और समाज के हर वर्ग को सहयोग प्रदान किया जा रहा है।वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण संवर्धन की सुरक्षा में पौधों का रोपन एवं देश की विकट समय में कोरोना योद्धा बनकर मजबूर असहाय वर्ग को अपना सहयोग देकर देश एवं राज्य के विकास में हर प्रकार से अपना योगदान दिया जा रहा है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि 01.10.2005 के पश्चात उत्तराखंड राज्य में लगभग 87 हजार कार्मिक इस नवीन पेंशन योजना एनपीएस से पीड़ित है.
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से जयदीप रावत प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल, गजेंद्र नेगी, शतोष नेगी, अरविन्द भारती, रतनेश रावत, दिनेश प्रसाद ढंगवाल, रणजीत चौखाली, राहुल, आयुष, आदि लोग उपस्थित थे।