* प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। संसाधनों के अनुचित प्रयोग से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है एवम साथ ही नियमों की उचित जानकारी के अभाव में जनमानस के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय गंगा भोगपुर के शिक्षक डॉ.अतुल बमराडा एवम राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय पोखरीखेत पावो की विज्ञान शिक्षिका पूनम बमराड़ा के समावेशी एवम अनुभवात्मक शिक्षा आधारित शोध को अंतराष्ट्रीय पुस्तक टीचिंग एंड लर्निग फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर इनोवेटिव स्ट्रेटजीज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक का प्रकाशन अमेरिकन पब्लिशिंग हाउस आईजीआई ग्लोबल द्वारा किया गया है। इस शोध पुस्तक के लेखक कर्टिन विश्वविद्यालय के प्रो.चाई ली गोई हैं। जिन्होंने इस पुस्तक में दुनियाभर में पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज एवम डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न शोधों का अध्ययन कर सत्रह उत्कृष्ट शोधों को संकलित किया है। पुस्तक के प्रकाशन मंडल द्वारा डॉ.अतुल एवम पूनम के शोध एनवायरनमेंट एजुकेशन थ्रो एक्सपेरेम्शियल लर्निंग ए केस ऑफ़ पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड को इस पुस्तक की थीम के अनुकूल पाया गया। इस शोध अध्ययन में यह पाया गया है कि पर्यावरण अध्ययन विषय को फाउंडेशनल एवम प्रिपेरेटरी स्टेज पर समस्त विषयों के साथ समावेशी रूप से पढ़ाए जाने एवम अनुभव आधरित कक्षा शिक्षण से बच्चे जल्दी विषयवस्तु को समझते हैं तथा इन प्रक्रियाओं को अपने जीवन में प्रयोग करना शुरु करते हैं। उनकी इस उपलब्धि पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग के प्रो.राजकमल एवम इग्नू के प्रो.धरन ने उन्होने भविष्य में विश्वविद्यालय के साथ मिलकर अन्य प्रोजेक्ट्स पर काम करने का न्यौता दिया है।