भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने मनाया 33वां स्थापना दिवस समारोह
मुख्य अतिथि डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा ने अध्यक्षीय संबोधन में भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान के शोध कार्यों की प्रसंशा करते हुए कहा कि भारत के सब्जी उत्पादन परिदृश्य में भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि सब्जियों के माध्यम से कृषि विविधिकरण करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते है। उन्होंने आशा जताई कि हाई-टेक वेजिटेबल नर्सरी के माध्यम से किसानों को रोपण सामग्री सहजता से उपलब्ध होगी जिससे उत्तर प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होगे । उनके अनुसार सब्जियों की खेती को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है तथा जलवायु परिवर्तन, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, अधिक उत्पाद मूल्य एवं प्रसंस्करण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शोध समय की मांग है। डॉ देवेश चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तर प्रदेश सब्जी उत्पादन में अग्रणी राज्य है तथा पूर्वांचल के किसान अब सब्जियों का विदेशों में निर्यात करके अधिक आय अर्जित कर रहे है।
डॉ तिलक राज शर्मा ने बताया कि भारत सब्जी उत्पादन में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है तथा पिछले वर्ष 7000 करोड़ से अधिक मूल्य की सब्जियों का निर्यात किया गया है। इस अवसर पर संस्थान के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया गया एवं वर्षोपरांत सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए वैज्ञानिक वर्ग में प्रदीप करमाकर, तकनीकी वर्ग में सुधीर कुमार एवं कृषि विज्ञान केंद्र में डॉ मनोज कुमार पांडे को प्रशस्ति पत्र दिया गया तथा स्कूली छात्रों को पुरस्कार वितरित किये गए। इस अवसर पर एक कृषि प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
इस समारोह में पीएमओ के अधिकारीगण, श्री कौशल राज शर्मा, आयुक्त वाराणसी मंडल, श्री एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी, वाराणसी, डॉ. संजय कुमार सिंह, महानिदेशक, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ, राज्य के कृषि और बागवानी विभागों के अधिकारी गण, संस्थान के सभी वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक अधिकारी, सहायक कर्मचारी, शोध छात्र, एवं बड़ी संख्या में किसान तथा स्कूली छात्र उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. धनन्जय प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. सुधाकर पाण्डेय सहायक महानिदेशक (बागवानी), आईसीएआर ने किया।