विभिन्न सरकारी योजनाओं की ऋण प्रगति में सुधार करें बैंकर्स।
बैंकिंग स्तर पर आवेदनों की पेन्डेंसी में सुधार करें।
वित्तीय साक्षरता के संबंध में लोगों को जागरूक करें।
रचनात्मक किसानों को चिन्हित कर उनको एक पोर्टल में लायें कृषि विभाग।
छोटे-मोटे स्वरोजगार प्रदाय कार्यों का प्रशिक्षण प्रदान करें आर-सेटी।
गबर सिंह भंडारी
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। उपरोक्त दिशा-निर्देश जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी त्रैमासिक डी0एल0आर0सी (जनपद स्तरीय बैंकर्स निगरानी समिति) की बैठक में संबंधित बैंकर्स और विभागीय अधिकारियों को दिये।
जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को वित्तीय साक्षरता के संबंध में लोगों को जागरूक करने, डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए रिमोट एरिया में जन-जागरूकता कैंप लगाने, विभिन्न योजनाओं के आवेदनों की स्वीकृति और अनुमोदन में औपचारिकताओं को मिनिमाइज करने तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के आवेदनों की पेन्डेंसी में सुधार करते हुए लोगों को योजनाओं का अधिक-से-अधिक लाभ प्रदान करने के निर्देश दिये।
उन्होंने ऐसे रेखीय विभागों जिनके माध्यम से विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है को निर्देशित किया कि आवेदनों की शुरूआती स्टेज पर ठिक से स्क्रूटनी करें तथा आवेदनों के साथ जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए बैंक के माध्यम से कर्मठ, मेहनतकश और स्वरोजागर चाहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं।
जिलाधिकारी ने विभिन्न योजनाओं की बैंकिंग स्तर पर आवेदनों की पेन्डेंसी अधिक होने पर लीड बैंक अधिकारी को एक माह पुनः समिति की बैठक आयोजित कराने तथा एक माह की अवधि में पेन्डेंसी में सुधार करते हुए प्रगति विवरण को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक तथा इण्डसिण्ड बैंक के अधिकारियों की सीडी रेशियो(क्रेडिट डिपोजिट, जमा पूंजी तथा ऋण वितरण अनुपात) में निम्न प्रगति पर कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि एक माह में अगर सीडी रेशियो की प्रगति में सुधार नहीं किया जाता तो अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने लीड बैंक अधिकारी को कालागढ़ क्षेत्र में एक बैंक ब्रांच खोलने के संबंध में अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिये ताकि वहां पर निवासरत आबादी बैंकिंग से जुड़ सकें। उन्होंने विभिन्न बैंकर्स की प्रगति का मूल्याकंन, विभिन्न योजनाओं और मदो के संबंध में राज्य स्तर से जनपदवार रैंक से तुलना करते हुए अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिये।
उन्होंने मुख्य कृषि अधिकारी को प्रगतिशील किसानों को चिन्हित करते हुए उनको सरकारी योजनाओं का बेहतर लाभ प्रदान करने हुए पोर्टल बनाने के निर्देश दिये।
उन्होंने आर0सेटी0 (सेल्फ रूरल एप्लायमेंट ट्रेनिंग इस्टिट्यूट) के निदेशक जुगल किशोर जोशी को निर्देशित किया कि लोगों को छोटे-मोटे स्वरोजगारपरक कार्यों का व्यावहारिक और तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान करें जिससे उनको स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार प्राप्त हो सके।
इस दौरान लीड बैंक अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किये गये विवरण के अनुसार वार्षिक ऋण योजना एवं प्राथमिकता प्राप्त ऋण वित्तीय वर्ष 2023-24 के लक्ष्य 981 करोड़ के सापेक्ष जून 2023 त्रैमास में जनपद द्वारा 228.62 करोड़(23.30 प्रतिशत) लक्ष्य प्राप्त किया गया।
वर्ष 2012-13 से अब तक जनपद में(0 से 1999) तक की जनसंख्या वाले 3122 गांवों में से बैंकिंग सुविधा रहित 414 गांवों में 31 मार्च 2023 तक बैंक द्वारा बैंकिंग सुविधाओं प्रदान कर दी गई है। जनपद में 385 एफएलसी (वित्तीय साक्षरता कैंप) वित्तीय वर्ष 2023-24 के त्रैमास अप्रैल से जून 2024 तक लगाये गये।
2023-24 के लक्ष्य 33000 के सापेक्ष जनपद में बैंकों द्वारा 1382 केसीसी स्वीकृत व नवीनीकृत किये गये हैं तथा 30 जून 2023 तक किसानों को 31920 केसीसी जारी किये गये हैं।
डीएलआरसी की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डेय, परियोजना निदेशक डीआरडीए संजीव कुमार रॉय, लीड बैंक अधिकारी अनिल कटारिया, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, महाप्रबंधन उद्योग शैलेन्द्र डिमरी, परियोजना प्रबंधक राजेश्वरी सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री, परियोजना प्रबंधक स्वनिधि योजना सीमा पाण्डेय, सहायक निबंधक कॉपरेटिव पान सिंह राणा, वित्त समन्वयक आजीविका मिशन धनंजय भट्ट सहित विभिन्न जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी व बैंकर्स उपस्थित थे।