देहरादून-एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टिट्यूटस उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षिक सत्र को नियमित करने हेतु एक प्रदेश एक प्रवेश एक परीक्षा एक परिणाम नीति की जो घोषणा की गई है वह एक अच्छा प्रयास है लेकिन उसमें निजी विश्वविद्यालयों को शामिल नहीं किया गया है ऐसे में एक प्रदेश एक प्रवेश की अवधारणा संभव नहीं है डॉ अग्रवाल ने कहा कि जब एक प्रदेश एक प्रवेश नीति में सरकारी और निजी कॉलेजों को शामिल किया गया है तो इसमें समान कोर्सों हेतु निजी विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया जाना आवश्यक है बिना निजी विश्वविद्यालयों को शामिल किए सत्र में एकरूपता नहीं आ पाएगी और राज्य सरकार का सत्र नियमित करने का एक अच्छा प्रयास अधूरा रह जाएगा इस संबंध में एसोसिएशन द्वारा प्रदेश के शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर यह मांग की गई है समान कोर्सों में सत्र की नियमितता एवं एकरूपता के लिए इसमें निजी विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया जाए सरकारी और निजी कॉलेजों के साथ निजी विश्वविद्यालयों को भी समर्थ पोर्टल के दायरे में लाकर प्रवेश और सत्र में एकरूपता लाना आवश्यक है पत्र में यह भी मांग की गई है कि क्योंकि बारहवीं कक्षा के सीबीएसई एवं उत्तराखंड बोर्ड और ओपन स्कूल की कंपार्टमेंट की परीक्षाएं जुलाई माह में प्रस्तावित है तो इन परीक्षाओं के परिणाम तक समर्थ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन की तिथि विस्तारित की जाए जिससे सभी छात्रों को प्रवेश हेतु समान अवसर मिल सके डॉ अग्रवाल ने कहा के वर्तमान सत्र में समर्थ पोर्टल से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ करने से पूर्व प्रवेश प्रक्रिया का प्रचार एवं प्रसार किया जाना आवश्यक था इंटर कॉलेज के छात्रों को सेमिनार के माध्यम से इसकी जानकारी देना आवश्यक था डॉ सुनील अग्रवाल