निजी कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करना विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं डॉ सुनील अग्रवाल

देहरादून- एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने एक वक्तव्य में विश्वविद्यालय की 30 मई को हुई कार्यपरिषद द्वारा निजी कॉलेजों की संबद्धता भी अगले सत्र से चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 15 .1 2009 को राज्य विश्वविद्यालय से केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के समय पारित एक्ट के द्वारा यह व्यवस्था दी गई थी जो कॉलेज गढ़वाल विश्वविद्यालय से राज्य विश्वविद्यालय के समय एफिलिएटिड थे वह केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने पर भी एफिलिएटिड रहेंगे और उस समय राज्य विश्वविद्यालय से केंद्रीय विश्वविद्यालय में कॉलेजों की संबद्धता हस्तांतरित की गई थी इस एक्ट में अभी तक कोई परिवर्तन पार्लियामेंट द्वारा नहीं किया गया है और किसी भी एक्ट में परिवर्तन किसी बयान से नहीं संसद में संशोधन एक्ट पास करके ही किया जा सकता है इस संबंध में दिनांक 4:12 2014 को माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा रिट पिटिशन 2550 ऑफ 2014 के अपने निर्णय में स्पष्ट कहा गया है सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक्ट में एफीलिएशन और डिएफीलिएशन का कोई प्रावधान ही नहीं है एक्ट के द्वारा संबद्धता राज्य विश्वविद्यालय से केंद्रीय विश्वविद्यालय में हस्तांतरित की गई है इसलिए इस संबंध में कोई विवाद ही नहीं है विश्वविद्यालय कॉलेजों का निरीक्षण कर कॉलेजों से नियमों का पालन करवा सकता है डॉ अग्रवाल ने कहा एक्ट के तहत कॉलेजों की संबद्धता बरकरार है और संबद्धता उसी कॉलेज की समाप्त होगी जो स्वयं विश्वविद्यालय से असंबद्ध होना चाहता है या फिर केंद्र द्वारा संसद में एक्ट में परिवर्तन करने पर ही संबद्धता समाप्त हो सकती है उन्होंने बताया कि अभी विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद द्वारा10 अन् एडिट कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का प्रस्ताव पास किया गया है इसको लेकर भी विश्वविद्यालय और राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे छात्रों में भ्रम की स्थिति ना रहेगी।-डॉ सुनील अग्रवाल