‘‘अंतर्राष्ट्रीय पोषक मोटा अनाज वर्ष 2023 को ध्यान में रखते हुए स्थानीय मोटे अनाज व उसके उत्पाद के विक्रय को बढ़ावा दिया जाय’’

‘‘चारधाम यात्रा में चलने वाले घोड़ा-खच्चरों का स्वास्थ्य हर हाल में सुनिश्चित किया जाय’’

‘‘उत्तराखंड में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए शोध-अनुसंधान पर जोर दें’’

गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल

पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल – उपरोक्त निर्देश आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार ने आयुक्त कार्यालय में आयोजित मण्डलीय अधिकारियों की केन्द्र पोषित, राज्य पोषित और जिला पोषित योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दिये। आयुक्त ने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष को देखते हुए चारधाम यात्रा के सभी रूट पर स्थानीय मोटे अनाज तथा उससे तैयार उत्पादों के विक्रय केन्द्र खोले जाय तथा उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा में चलने वाले घोड़ा-खच्चर का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए सभी पंजीकृत घोड़ा-खच्चर की पहले अनिवार्य रूप से टैस्टिंग की जाय तथा टैस्टिंग रिपोर्ट नेगेटिव आने के उपरांत ही संबंधित पशुधन को यात्रा में चलने की अनुमति दी जाय। पशुधन का यात्रा दौरान स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए ऊॅचाई वाले इलाकों में पीने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की जाय तथा उनके ठहरने के लिए शैड का निर्माण किया जाय। पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पशुचिकित्सकों की जगह-जगह तैनाती सुनिश्चित हो, उनका टीकाकरण भी हो तथा उनका यात्रा में चलने का रोस्टर हो ताकि घोड़ा-खच्चर को भी पर्याप्त आराम मिल सके।


आयुक्त गढ़वाल ने उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि उत्तराखंड में भी हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की भांति बागवानी को चार-चांद लगाने के लिए शोध एवं अनुसंधान पर गंभीरता से कार्य किया जाय। इसके लिए नर्सरी लगाने हेतु इस सेक्टर में बागवानी का बेहतर कार्य करने वाले बाहरी बागवानों को भी नर्सरी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाय तथा कीवि, अखरोट व अन्य ऐसी नई वैराइटी जिनका अभी तक सेब की भांति उत्तराखंड में आशातित परिणाम नहीं मिल पाया है, कारण खोजें कि आशा के अनुरूप उनका उत्पादन क्यों नहीं हो पा रहा है तथा जो भी कमजोरियां सामने आयेगी उनको दूर करें। उन्होंने कहा कि कारण खोजें जो वैराइटिज हिमाचल और कश्मीर में सरवाइज कर रही हैं वे उत्तराखंड जैसी उसी जलवायु वाले प्रदेश में अपेक्षित परिणाम क्यों नहीं दे पा रही हैं।
आयुक्त गढ़वाल ने पशुपालन विभाग को पशुओं में होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए व्यापक वैक्सीनेशन करने तथा आवारा पशुधन पर लगाम लगाने के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर उसपर अमल करने के निर्देश दिये।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पहाड़ी क्षेत्रों में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ की पर्याप्त व्यवस्था और उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा पूर्व में कोविड-गाइडलाइन के लिए की गयी तैयारियों तथा समस्त स्वास्थ्य उपकरण कीट, इत्यादि की एक बार जिला चिकित्सालय से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सभी की पुनः समीक्षा करने के निर्देश दिये।
उन्होंने शिक्षा विभाग को विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने तथा पेजयल, शौचालय, विद्युत उपलब्धता और बच्चों के सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने सभी मण्डलीय अधिकारियों को सक्त निर्देश दिये कि जिन मण्डलीय अधिकारियों के पास अतिरिक्त प्रभार हैं वे मण्डलीय कार्यालय में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रोस्टर बना लें तथा रोस्टर के अनुरूप अपनी उपस्थिति देना सुनिश्चित करें, ऐसा ना करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही।
इस दौरान बैठक में निदेशक स्वास्थ्य गढ़वाल मंडल डॉ0 धीरेंद्र बनकोटी, अपर निदेशक कृषि डॉ0 परमाराम, अपर निदेशक पशुपालन डॉ0 अशोक कुमार, अपर निदेशक प्राथमिक शिक्षा वी0एस0 रावत, संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ0 रतन कुमार, उप निदेशक रेशम प्रदीप कुमार, मंडलीय अर्थ एवं संख्याधिकारी शिल्पा भाटिया सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रेशम, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, ग्राम्य विकास आदि के अधिनस्थ अधिकारी-कार्मिक उपस्थित थे।