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नई दिल्ली, 11 जून ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भारतीय रेल की दो महत्वपूर्ण मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर कुल 6,405 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों में रेलवे नेटवर्क का विस्तार होगा और भारतीय रेल के नेटवर्क में 318 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

रेलवे परिचालन को मिलेगा नया आयाम

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत दोनों परियोजनाओं में शामिल हैं:

  1. कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण परियोजना (133 किमी):
    यह खंड झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है और पटना तथा रांची के बीच सबसे छोटा और कुशल रेल संपर्क स्थापित करेगा। इस दोहरीकरण से इस क्षेत्र में कोयले सहित अन्य खनिजों के परिवहन की क्षमता में बढ़ोतरी होगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी।

  2. बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण परियोजना (185 किमी):
    यह रेललाइन कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है। यहाँ के लौह अयस्क, परिष्कृत इस्पात, सीमेंट, कृषि उत्पादों और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में यह लाइन अहम भूमिका निभाएगी।

हरित परिवहन व्यवस्था को मिलेगा बल

सरकार की इन पहलों से न केवल यात्री सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि माल परिवहन के लिए भी अतिरिक्त 49 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) क्षमता सृजित होगी। इससे देश की लॉजिस्टिक्स लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी और तेल आयात में 52 करोड़ लीटर तक की बचत संभव होगी। साथ ही, 264 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

1,408 गांवों की कनेक्टिविटी में सुधार

दोनों परियोजनाओं के माध्यम से 1,408 गांवों में कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 28.19 लाख है। इससे इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर यात्री और माल परिवहन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अनुरूप विकास

ये परियोजनाएं ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बढ़ाने के दृष्टिगत स्वीकृत की गई हैं। इस योजना का उद्देश्य देशभर में निर्बाध यातायात सुविधा उपलब्ध कराना है जिससे लोग, वस्तुएं और सेवाएं तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच सकें।

प्रत्यक्ष रोजगार सृजन में भी बढ़ोतरी

निर्माण चरण में इन परियोजनाओं के चलते लगभग 108 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार आधारित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में सशक्त कदम

सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद न केवल रेल परिचालन की दक्षता में वृद्धि होगी बल्कि भीड़भाड़ भी कम होगी। इससे माल एवं यात्री परिवहन की विश्वसनीयता बढ़ेगी। साथ ही, ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत व्यापक क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।pib

By admin