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हल्द्वानी, ब्यूरो। वीर भूमि उत्तराखंड की पावन धरती शनिवार को शौर्य और सम्मान की भावना से ओतप्रोत नजर आई जब मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की विजय को समर्पित “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” में भाग लिया। यह यात्रा हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम से प्रारंभ होकर शहीद पार्क तक पहुंची, जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिकों, पूर्व सैनिकों, युवाओं और मातृशक्ति ने तिरंगा हाथ में लेकर गर्व और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ भाग लिया।

शहीदों को नमन, राष्ट्र के रक्षकों को श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” भारत की सैन्य शक्ति, वीरता और संकल्प का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल आतंक के आकाओं को जवाब देने वाला था, बल्कि यह नए भारत की रक्षा नीति का स्पष्ट और सशक्त उदाहरण भी है।

“भारत अब आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब देना जानता है। ऑपरेशन सिंदूर इसका साक्षात उदाहरण है।”, मुख्यमंत्री धामी ने गर्जन भरे स्वर में कहा।

वीर सैनिकों को सलाम, आतंकवाद पर सीधा वार

मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन उन सभी आतंकी संगठनों और उनके सरपरस्तों के लिए चेतावनी है जो भारत की एकता और अखंडता पर बुरी नजर डालते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब सीधा एक्शन लेता है और सीमाओं पर चौकसी रखने वाली सेना को पूरी छूट दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा,

“सेना ने बिना पाकिस्तान की सीमा में घुसे, आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। भारतीय ड्रोन और मिसाइलों ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों और उनकी रक्षा करने वाले सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर उन्हें करारा जवाब दिया।”

उत्तराखंड की वीर भूमि का गौरवपूर्ण योगदान

मुख्यमंत्री भावुक होते हुए बोले कि उत्तराखंड का हर परिवार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सेना से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में हर पांचवां जवान उत्तराखंड से है, जो देवभूमि को वीरभूमि भी बनाता है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक के पुत्र हैं और शहीदों के बारे में सोचते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं।

“मैं सैनिक पुत्र हूं, यह मेरा गर्व है। जब भी शहीदों की बातें होती हैं, हृदय श्रद्धा से भर उठता है,” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

प्रधानमंत्री की दृढ़ नीति का नतीजा है विजय

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में व्याप्त गुस्से को प्रधानमंत्री ने गंभीरता से लिया और निर्णय लिया कि अब आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सेना को खुली छूट दी, जिसके परिणामस्वरूप चार दिन में ही ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने दुनिया को चौंका दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और उसके डीजीएमओ को संघर्ष विराम की याचना करनी पड़ी।

स्वदेशी हथियारों से बढ़ी सैन्य ताकत

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत अपनी सेनाओं को “मेड इन इंडिया” हथियारों से सुसज्जित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में जो क्रांति आई है, उसका परिणाम यह है कि स्वदेशी हथियारों से भारत अब किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक से युक्त भारतीय हथियार दुनिया के किसी भी हथियार से हजार गुना अधिक प्रभावशाली साबित हो रहे हैं।

“ऑपरेशन सिंदूर ने सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति भी अपनाने में सक्षम है,” – मुख्यमंत्री।

जनभागीदारी बनी राष्ट्रीय एकता की मिसाल

तिरंगा सम्मान यात्रा के दौरान उमड़े हजारों लोगों के जनसैलाब ने इस आयोजन को जन-जन का पर्व बना दिया। मातृशक्ति, युवाओं, स्कूली बच्चों से लेकर पूर्व सैनिकों और आम नागरिकों तक सभी ने तिरंगा लेकर देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने इसे “एकता की यात्रा” बताया जो यह दर्शाती है कि पूरा भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।

“तिरंगा यात्रा भारत की उस भावना का प्रतीक है, जो आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है,” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

प्रमुख जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति

इस ऐतिहासिक यात्रा में सांसद श्री अजय भट्ट, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्रीमती सरिता आर्या, श्री मोहन सिंह बिष्ट, मेयर श्री गजराज बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री प्रताप बिष्ट, आयुक्त कुमाऊं श्री दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी श्री प्रहलाद नारायण मीणा, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और सैनिक परिवार शामिल रहे।

 हल्द्वानी में आयोजित यह तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा एक ऐसी ऐतिहासिक घड़ी बन गई, जिसने राष्ट्रभक्ति, वीरता और जन-भागीदारी का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बहाने देश ने फिर से यह साबित कर दिया कि भारत अब किसी भी आतंकी दुस्साहस का जवाब देने के लिए हर मोर्चे पर तैयार है — वह भी अपनी शर्तों पर, अपनी शैली में और पूरी शक्ति के साथ।

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