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गंगोत्री यात्रा: गंगा की पवित्रता के साथ स्वास्थ्य की सजगता भी जरूरी है

होम्योपैथी के साथ एक सुरक्षित, संयमित और सफल यात्रा के लिए जरूरी सुझाव

डॉ. रजनी गुप्ता
वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं संस्थापक — आयुजोन क्लीनिक, हरिद्वार

गंगोत्री धाम, समुद्रतल से करीब 10,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित, न केवल आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि पर्वतीय चुनौतियों का भी प्रतीक है। जहां श्रद्धालु माँ गंगा के दर्शन को पहुंचते हैं, वहीं मौसम, ऊँचाई और लंबी यात्रा शरीर के लिए कई बार परीक्षा बन जाती है।

यात्रा के दौरान बरती जाने वाली जरूरी सावधानियाँ

1. शारीरिक तैयारी

यात्रा से कम से कम दो हफ्ते पहले से पैदल चलने और सीढ़ियां चढ़ने का अभ्यास करें।

हृदय, ब्लड प्रेशर, श्वास या डायबिटीज की समस्या हो तो डॉक्टर की राय जरूर लें।

2. मौसम से जुड़ी तैयारी

सुबह-शाम तेज ठंड, दोपहर में हल्की धूप — थर्मल वूलन, सनग्लासेस और वाटरप्रूफ जैकेट साथ रखें।

अचानक बारिश की आशंका को देखते हुए रेनकोट, छाता और वाटरप्रूफ बैग उपयोगी होंगे।

गंगोत्री यात्रा में आयु वर्ग और लिंग के अनुसार जरूरी सतर्कता

बच्चे व किशोर वर्ग

ठंड और थकावट से बीमार पड़ सकते हैं — Aconite 200, Chamomilla 200 रखें (विशेषज्ञ सलाह से)।

बर्फ से खेलते समय कपड़ों और जूतों का ध्यान रखें।

महिलाएं (किशोरी से लेकर वृद्धा तक)

पीरियड्स, थकावट, सिरदर्द या हॉर्मोनल असंतुलन की स्थिति में Pulsatilla 200, Mag Phos 200 कारगर हो सकती हैं।

गरम पानी की बोतल, सैनिटरी पैड, उचित पोषण और आराम को प्राथमिकता दें।

युवा पुरुष और महिलाएं

ज्यादा चलने, कम ऑक्सीजन और अनियमित खानपान से शरीर थक सकता है — China 200, Nux Vomica 200, Arsenic Album 200 उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं।

प्रौढ़ और वरिष्ठ नागरिक

ऑक्सीजन की कमी, जॉइंट पेन और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं आम हैं — Carbo Veg 200, Rhus Tox 200, Bryonia 200 को मेडिकल सलाह के साथ साथ रखें।

होम्योपैथिक यात्रा किट (डॉ. रजनी गुप्ता की अनुशंसा अनुसार)

सरकारी चिकित्सा सेवाएं और यात्रियों की जिम्मेदारी

उत्तराखंड सरकार द्वारा गंगोत्री में स्वास्थ्य शिविर, ऑक्सीजन बूथ और डॉक्टरों की नियमित तैनाती की जाती है।
यात्रीगण कृपया किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें — स्वयं दवा लेने की बजाय, चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा लें।

डॉ. रजनी गुप्ता की सलाह

“गंगोत्री की यात्रा मानसिक और आत्मिक शुद्धि का अवसर है, लेकिन शरीर की मजबूती और होशियारी ही आपको वहां सुरक्षित और संपूर्ण अनुभव दिला सकती है। होम्योपैथी इसमें आपका भरोसेमंद सहायक बन सकता है — बशर्ते आप उसे समझदारी से अपनाएं।”

By admin