Share this Post

हरिशंकर सिंह सैनी

इंटरव्यू:  भूपेश कुमार त्यागी , शिक्षक और प्रांतीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, मेरठ प्रांत, उत्तर प्रदेश

परिचय: श्री भूपेश कुमार त्यागी का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था, जो कस्बा नहटौर, जनपद बिजनौर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री सत्यवीर सिंह त्यागी था। भूपेश जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश से प्राप्त की, और उच्च शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.एससी., बी.एड., और एलएलबी की डिग्रियां हासिल की।

उनकी शिक्षा और मेहनत ने उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में स्थापित किया। इसके अलावा, उनका संगठनात्मक कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित करता है। वर्तमान में, वे अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के मेरठ प्रांत संगठन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत मेरठ प्रांत उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत कर खड़ा करने में विशेष भूमिका रही है, आज 5000 से ज्यादा कार्यकर्ता मेरठ प्रांत में उपभोक्ताओं को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं, उपभोक्ता, शिक्षा व पर्यावरण के विभिन्न मुद्दों पर विराट न्यूज़ चैनल के संपादक हरिशंकर सिंह सैनी ने श्री भूपेश कुमार त्यागी जी का साक्षात्कार किया प्रस्तुत है साक्षात्कार के प्रमुख अंश,

प्रश्न 1: श्री भूपेश कुमार त्यागी जी, सबसे पहले आपका धन्यवाद कि आपने इस साक्षात्कार के लिए समय निकाला। आप अपनी यात्रा के बारे में हमें बताएं, खासकर शिक्षा और संगठनात्मक कार्यों के क्षेत्र में।

उत्तर:
धन्यवाद! मेरी यात्रा बहुत ही सामान्य शुरुआत से हुई थी। मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ था, और मैंने अपनी शिक्षा शुरुआत में नहटौर में की थी। इसके बाद, मैंने राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहां से मैंने बी.एससी., बी.एड. और एलएलबी की डिग्री ली। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए, मैं यह मानता हूं कि शिक्षा न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान है, बल्कि यह एक व्यक्ति की सोच और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी जागरूक करता है।

शिक्षक के रूप में मैंने हमेशा बच्चों को न केवल पाठ्यक्रम के बारे में सिखाया, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों और समाज में उनके योगदान की जिम्मेदारी के बारे में भी समझाया। वहीं, संगठनात्मक कार्यों की शुरुआत मुझे विभिन्न संगठनों के साथ जुड़ने से मिली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) तक, मैंने विभिन्न संगठनात्मक पदों पर कार्य किया। इन संगठनों के माध्यम से मुझे समाज में बदलाव लाने के लिए काम करने का मौका मिला।

आज मैं अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के मेरठ प्रांत संगठन मंत्री के रूप में कार्यरत हूं, जहां हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।

प्रश्न 2: आपने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं? अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत में आपके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में हमें बताएं।

उत्तर:
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत में मेरे काम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है। उपभोक्ता आज भी कई मामलों में अपनी सही जानकारी और अधिकारों से अनजान रहते हैं। हमारी कोशिश यह रही है कि हम उपभोक्ताओं को यह समझा सकें कि उन्हें किस प्रकार से अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और जहां जरूरत हो, वहां उन्हें कानूनी सहायता भी प्राप्त हो सके।

हमने उपभोक्ता अदालतों और उपभोक्ता आयोगों के महत्व पर जागरूकता फैलाने के लिए कई सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया। इसके अलावा, हमने विभिन्न जागरूकता अभियानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को यह बताया कि उनके द्वारा खरीदी गई वस्तु या सेवा में अगर कोई दोष है, तो उन्हें उसका समाधान किस प्रकार से मिल सकता है।

इसके साथ ही, हम उपभोक्ताओं को यह भी समझाते हैं कि किस प्रकार से वे अनुशासनहीन और धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों से अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

प्रश्न 3: आपने विभिन्न संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, जैसे ABVP, VHP और BJP। इन संगठनों में कार्य करने का अनुभव कैसा रहा?

उत्तर:
यह सच है कि मैंने कई संगठनों में जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। इनमें से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में जिला संयोजक, विश्व हिंदू परिषद (VHP) में जिला संयोजक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जिला उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इन संगठनों में काम करने का अनुभव बहुत ही सशक्त और प्रेरणादायक रहा है।

ABVP में मैंने छात्रों के अधिकारों की रक्षा और उनके मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। VHP में मैं हिंदू समाज के उत्थान के लिए काम करता था, और BJP में हम संगठन को मजबूत करने और जनहित की योजनाओं को लागू करने की दिशा में कार्य कर रहे थे।

हर संगठन के साथ काम करते हुए, मैंने यह सीखा कि संगठन की ताकत उसकी विचारधारा और कार्यकर्ताओं में निहित होती है। जब लोग मिलकर एक उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो समाज में बदलाव आना स्वाभाविक होता है।

प्रश्न 4: आपने शिक्षा और संगठन दोनों क्षेत्रों में सक्रियता दिखाई है। क्या आप इन दोनों जिम्मेदारियों को एक साथ संतुलित करते हुए समाज में कोई विशेष बदलाव देख पा रहे हैं?

उत्तर:
यह सच है कि शिक्षक और संगठन मंत्री के रूप में मेरी जिम्मेदारियां काफी विविधतापूर्ण रही हैं, लेकिन मैं हमेशा यही मानता हूं कि एक व्यक्ति जब अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति समर्पित होता है, तो वह निश्चित रूप से अपनी भूमिका निभा सकता है।

शिक्षक के रूप में, मैंने हमेशा यह प्रयास किया है कि बच्चों को केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी तैयार किया जाए। छात्रों को यह समझाना कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकते हैं, यह एक महत्वपूर्ण पहलू है।

संगठनात्मक कार्यों में भी मैंने यही प्रयास किया कि हर कार्यकर्ता को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो और वह अपने कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित हो। शिक्षा और संगठन का संतुलन मुझे समाज में एक बड़ा बदलाव लाने का अवसर देता है, और मुझे लगता है कि हम सब मिलकर इस बदलाव को और भी प्रभावी बना सकते हैं।

प्रश्न 5: आपने वृक्षारोपण और पर्यावरण जागरूकता के लिए क्या कदम उठाए हैं? इस दिशा में आपके अनुभव क्या रहे हैं?

उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के विषय में भी मेरी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि हम जो समाज और पर्यावरण छोड़कर जाएंगे, वह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसलिए, मैंने वृक्षारोपण अभियानों का हिस्सा बनने के साथ-साथ समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी काम किया है।

हमने विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक कार्यक्रमों में वृक्षारोपण की गतिविधियां आयोजित की हैं। इसमें बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी को शामिल किया गया है। जब लोग पेड़ लगाते हैं, तो न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि यह समाज में एकजुटता का भी प्रतीक बनता है।

मेरे अनुभव के अनुसार, जब हम पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाते हैं, तो लोग अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं। वृक्षारोपण अभियान में भाग लेने वाले लोगों को पर्यावरण की अहमियत का एहसास होता है और वे इसे संरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार महसूस करते हैं।

प्रश्न 6: भविष्य में आपकी क्या योजनाएं हैं, खासकर पर्यावरण जागरूकता और वृक्षारोपण के क्षेत्र में?

उत्तर:
भविष्य में, मैं पर्यावरण जागरूकता और वृक्षारोपण के लिए और अधिक प्रभावी योजनाओं पर काम करना चाहता हूं। मेरी योजना है कि हम वृक्षारोपण को एक बड़े जनआंदोलन में बदलें। इसके लिए हम स्कूली बच्चों, कॉलेजों और समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करेंगे, ताकि हम अधिक से अधिक पौधे लगा सकें और पर्यावरण को बचा सकें।

इसके अलावा, मैं यह चाहता हूं कि हम पर्यावरण शिक्षा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी शामिल करें, ताकि बच्चों को शुरू से ही पर्यावरण की महत्वपूर्णता का एहसास हो और वे इसे जीवनभर अपना सकें।

प्रश्न 7: आप हमारे पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर:
मेरा संदेश यही है कि हम सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में जानना बहुत जरूरी है, ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें। साथ ही, पर्यावरण का संरक्षण और वृक्षारोपण हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने बच्चों को यह समझाना होगा कि वे जो कुछ भी करते हैं, उसका प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ता है।

  • जब हम सब मिलकर इन समस्याओं पर काम करेंगे, तो हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज बना सकते हैं।

By admin