प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल के चार जिलों के मूत्र रोग संबंधी मरीजों को अब बेस चिकित्सालय में इलाज मिलना शुरु हो जायेगा। जिसके लिए बेस चिकित्सालय में 24 और 25 अप्रैल को यूरोलॉजिस्ट डॉ.हरेन्द्र गुप्ता एमसीएच ( यूरोलॉजी) ओपीडी शुरू करने जा रहे है। यह ओपीडी हर सप्ताह के बुधवार और गुरुवार को बेस चिकित्सालय में पूर्वाह्न 11.बजे से लगेगी। अब तक मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में यूरोलॉजिस्ट की सेवाएं नहीं थी,किंतु अब ओपीडी शुरु होने से गढ़वाल क्षेत्र के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा और मूत्र व गुर्दा संबंधी रोग का इलाज बेस चिकित्सालय में मिलना शुरू हो जायेगा।
प्रदेश सरकार की पहल पर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। तृतीय सन्दर्भण केन्द्र का यह चिकित्सालय चारधाम यात्रा रूट के मुख्य पडाव पर स्थित है,जहां पर देश-विदेश के लाखों-लाख यात्रीगण चारधाम दर्शन को भी पहुंचते है।उत्तराखंड सहित दिल्ली के बड़े सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने वाले एमसीएच यूरोलॉजिस्ट डॉ.हरेंद्र गुप्ता ने बेस चिकित्सालय में हर सप्ताह दो दिन बेस चिकित्सालय में ओपीडी लगाने जा रहे है। जिसके तहत पहली ओपीड़ी 24 अप्रैल से बेस चिकित्सालय में शुरु होने जा रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने बताया कि बेस चिकित्सालय में यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ.हरेन्द्र गुप्ता एमसीएच द्वारा सप्ताह में दो दिन बुधवार और गुरुवार को गढ़वाल भर के मरीजों के लिए ओपीड़ी लगाई जायेगी। जिसके लिए जनरल सर्जरी ओपीडी के पास ही यूरोलॉजी की ओपीडी शुरु होगी। उन्होंने कहा कि उक्त ओपीडी शुरु होने से गढ़वाल भर के मरीजों को घर गांव के पास ही मूत्र रोग से सम्बंधित बीमारी के ईलाज का लाभ मिलेगा। इसके तहत ओपीडी के साथ साथ जरूरत होने पर आपरेशन की भी सुविधा प्रदान होगी। जिसके लिए ओपीडी कक्ष से लेकर ओटी तैयार की जा रही है। कहा कि गढ़वाल भर के मूत्र व किडनी से संबंधित मरीज ओपीडी में पहुंचकर सलाह उपरांत स्वास्थ्य लाभ ले सकते है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजेय विक्रम सिंह द्वारा व्यवस्था पूरी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मरीजहित मे पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विभागाध्यक्ष सर्जरी प्रोफेसर डॉ.वियत सिंह व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.सर्जरी,डॉ.हरि सिंह व डॉ.के.एस.बुटोला विभागाध्यक्ष मेडिसिन द्वारा मरीज हित मे इसे प्रभावी कदम बताया है। क्यो कि मूत्र व किडनी मरीजो की संख्या मे लगातार बढोतरी देखी जा रही है।