प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। पौड़ी जनपद के थलीसैंण विकास खण्ड के चोपड़ा (नौगांव) में सेबाग एग्रो द्वारा कालसन फार्म में “उत्तराखण्ड में सेब की खेती की संभावनाओं” के विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सहकारिता एवं शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि एप्पल मिशन के तहत सहकारिता विभाग बागवानों को सेब की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है ,राज्य में एक हजार सेब के बाग़ विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस मिशन के तहत प्रदेशभर के सेब के बागवानों को योजना से जोड़ा जा रहा है ताकि उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके।
सेमीनार के मुख्य अतिथि पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने दूरभाष के माध्यम से जुड़कर अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनायें हैं,इसके लिये कारगर योजनाएं विकसित की जानी चाहिये और काश्तकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिये साथ ही उन्हें तकनीकी जानकारी हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए ।
विशिष्ट अतिथि नारायण सिंह राणा पूर्व खेल मंत्री उत्तराखंड ने राज्य के युवाओं से बागवानी से जुड़ कर स्वरोजगार करने की अपील की तथा बागवानी के अपने अनुभव साझा किए।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रेमचंद्र शर्मा द्वारा जैविक खेती के अपने अनुभवों को साझा किया तथा बागवानों को जैविक खेती करने की सलाह दी। इस अवसर पर डॉ.सविता रावत ने भी बागवानी के अपने अनुभव साझा किए।
विचार विमर्श सत्र में कलासन नर्सरी फार्म के संरक्षक विक्रम सिंह रावत,उद्यान विशेषज्ञ डॉ.राजेंद्र प्रसाद कुकसाल एवं पर्वतीय कृषि बागवान और उद्यमी संगठन के अध्यक्ष एवं प्रगतिशील उद्यान पति वीरवान सिंह रावत द्वारा संयुक्त रूप से कृषकों द्वारा बागवानी से सम्बंधित पूछे गए प्रश्नों व सेब में उच्च घनत्व की खेती,मृदा परीक्षण,फलपौध रोपण,कटाई छंटाई जैविक उत्पादन कीट व्याधि प्रबंधन,विपणन आदि विषयों के संतोषजनक जवाब दिये गये।
जसपाल नेगी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष एवं उद्यान पति पौड़ी द्वारा अवगत कराया गया कि तीन बर्ष पूर्व उद्यान विभाग द्वारा मौन पालन योजना के अन्तर्गत किसानों को मौन बक्से उपलब्ध कराये गये किन्तु कालोनियां विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई जबकि कृषकों द्वारा विभाग को धनराशि उपलब्ध करा दी गई थी।
किसानों ने समय पर बीज पौध दवा खाद आदि न मिलने की भी शिकायत की साथ ही कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग में डीबीटी योजना लागू करने की बात कही।
कृषकों का कहना था कि इस प्रकार की गोष्ठियों का आयोजन समय-समय पर दूर दराज के क्षेत्रों में आयोजित होने चाहिए जिससे किसानों को तकनीकी जानकारी मिल सके।
भगत सिंह नेगी ने सेब उत्पादन पर अपने अनुभव बताए।
सेमिनार में उपस्थित बागवानों को फार्म का भ्रमण करवाया गया। सेब का यह फार्म स्थानीय बागवानों विशेष रूप से सेब उत्पादकों के लिए एक आकर्षण एवं प्रेरणा का केंद्र बना हुआ है।
कार्यक्रम में मातवर सिंह रावत पूर्व राज्य मंत्री,संपत सिंह रावत पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा पौड़ी,उद्यान पति एवं वैद्य रामकृष्ण पोखरियाल,अर्जुन सिंह पंवार,ठाकुर सिंह नेगी(राठी) समाजसेवी उदित घिल्डियाल,राजेंद्र सिंह बिष्ट,दीपक ढौंडियाल,कौसल रावत,अनूप पटवाल आदि ने भी गोष्ठी में भाग लिया।
सेमीनार का संचालन दीपक करगेती संयोजक एवं महामंत्री कृषक बागवान उद्यमी संगठन द्वारा किया गया।