टीबी उन्मूलन में भागीदारी और इंटर्नशिप के तौर-तरीकों से रूबरू हुए नये प्रवेशित इंटर्न*

* गबर सिंह भण्डारी

श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन पर सीएमई तथा एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद इंटर्न की भूमिका में अस्पताल में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों उनके कार्य-व्यवहार, सचार एवं सिद्धांतों के बारे में जानकारी देने हेतु कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें टीबी उन्मूलन के लिए आगामी 2025 तक भारत देश टीबी मुक्त बने इसके लिए सभी की भागीदारी के साथ ही जिम्मेदारी लेने का संकल्प लिया गया।

मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने कहा कि टीबी एक वैश्विक बीमारी है, जिसका उन्मूलन जागरूकता एवं रोकथाम व समय से इलाज लेने व पूर्ण करने पर ही है। देश के प्रधानमंत्री,केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मन्त्री जी द्वारा देश को आगामी 2025 तक टीबी मुक्त के लिए कई नवाचार कार्यक्रम किये जा रहे है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की सतत मानीटरिंग से कई ग्राम पंचायते टीबी मुक्त कर दी गई है। प्रयास है कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायते टीबी मुक्त हो। प्राचार्य ने कहा कि उक्त कार्यक्रमों को संचालन करने में मेडिकल कॉलेज व सभी सरकारी अस्पतालों के साथ साथ निजी अस्पतालो की अहम भूमिका है। इसमे सफलता पाने के लिए देश के प्रत्येक व्यक्ति चाहे किसी भी प्रोफेशन मे हो,पैरामेडिकलस हो, टैकनिशियन हो,स्टूडेंट्स हो, जनप्रतिनिधिगण हो,नौकरी पेशा वाले हो, प्रशिक्षु चिकित्सक हो, के साथ साथ समस्त तरह के चिकित्सको की सतत सक्रिय भागीदार रहनी अवश्यभावी है, तभी हम वह टीबी उन्मूलन में सत प्रतिशत सफलता पा सकते है। इसलिए सभी को अपनी तरफ यह अहम जिम्मेदारी निभानी है । यह भी जानना जरूरी है कि टी.बी. एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग मे हो सकती है और इसमे सबसे ज्यादा फेफडो की टी.बी. होती है। इस मौके पर एम्स ऋषिकेश से पहुंचे डॉ.संतोष कुमार ने अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को उनके रोग से पहले सचार व व्यवहार को सबसे महत्वपूर्ण बताया और रोगी क्या चाहता है उनके साथ बेहतर संवाद कर बेहतर ईलाज दिये जाने संबंधी विभिन्न टिप्स दिये।
इस मौके पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ.विनीता रावत लैब संबंधी सैंपल कलेक्शन,डॉ.सर्जन श्रीवास्वत ने लैब संबंधी जानकारी,डॉ.जानकी बर्त्वाल ने कम्युनिकेशन स्कील, शोध,डॉ.राजेन्द्र शर्मा ने रोगाणु-रोधी दवाओं का तर्कहीन उपयोग,डॉ.मोहित कुमार ने इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज के संदर्भ में जानकारी,डॉ. मयंक किशोर से एमएलसी व पीआईआर भरने की जानकारी, डॉ.अनिल कुमार द्विवेदी ने इंटर्नशिप के दौरान डॉक्टरों के सिद्धांत,रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. विक्की बख्सी ने टीबी उन्मूलन पर किये जा रहे कार्यो के बारे जानकारी देने के साथ रोकथाम व बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ.सुरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा किया गया।