प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी द्वारा स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और उत्तराखंड राज्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य के लिए संस्थान द्वारा उन्नत भारत अभियान , राष्ट्रीय अविष्कार अभियान , समग्र शिक्षा अभियान ,प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसे सरकारी योजनाओं के तहत आसपास के स्कूलों में विभिन्न शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है । साथ ही संस्थान ने अपने परिसर में शैक्षिक भ्रमण के लिए आने वालों छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कई रोमांचक गतिविधियों और वैज्ञानिक प्रदर्शनों की व्यवस्था भी की है। इन छोटे छोटे क़दमों से राज्य की शिक्षा व्यवस्था की दशा और दिशा दोनों बदलने की उम्मीद है जिसके दूरगामी परिणाम उत्तराखंड राज्य को उत्कृष्ट स्थान पर स्थापित करेंगे।
इसी सन्दर्भ में हाल ही में जवाहर नवोदय विद्यालय, पोखाल, टिहरी गढ़वाल के 10 वी, 11वी और 12वी कक्षा के छात्रों नें विज्ञान और प्रोद्योगिकी के चमत्कारों का पता लगाने और उनके बारें में जानकारी प्राप्त करनें के लिए एन आई टी, उत्तराखंड परिसर का दौरा किया था। दिनांक 19-20 दिसम्बर को जवाहर नवोदय विद्यालय बंसु जाखधार, रुद्रप्रयाग के 10 वी 11वी और 12 वी कक्षा के छात्रों ने संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान छात्रों ने विज्ञान और इंजीनियरिंग की प्रयोगशालाओं का दौरा किया और उपकरणों का प्रयोगात्मक ज्ञान प्राप्त किया। मौके पर एन.आई.टी, उत्तराखंड के संकाय सदस्यों और शोध छात्रों नें विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं को बड़े ही सरल और प्रायोगिक प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों को समझाया।
उक्त अवसर पर एन.आई.टी के निदेशक प्रोफेसर अवस्थी नें अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक टूर छात्रों के लिए एक मूल्यवान अनुभव साबित होते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के रोमांचक चमत्कारों और नए कार्यों को देखने और अनुभव करने के लिए एक मंच प्रदान करतें है जो उन्हें इन विषयों में रचनात्मक कौशल विकसित करने में मददगार साबित होता है।
कौशल विकास कार्यक्रमों के महत्व पर जोर देते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि देश के उज्जवल भविष्य और विकास के लिए स्कूली छात्रों में संज्ञानात्मक विकास के साथ 21वीं सदी के प्रमुख कौशल से लैस समग्र और सर्वांगीण व्यक्तित्व के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके लिए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च स्तरों पर अपनाई जाने वाली टीचिंग लर्निंग प्रक्रिया को अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, चर्चा-आधारित, लचीला और शिक्षार्थी-केंद्रित बनाने की जरूरत है। उन्होंने नवोदय के छात्रो को स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रेरित करते हुए कहा की कई शीर्ष निजी और सार्वजानिक औद्योगिक इकाईयां डिग्री की अपेक्षा कौशल को महत्व देती है अतः उन्हें अपनी शिक्षा के दौरान कम से कम एक कौशल अवश्य सीखना चाहिए।
उत्तराखंड राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एनआईटी के योगदान का जिक्र करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा की राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में बदलाव लाने और दैनिक जीवन में विज्ञान और प्रोद्योगिकी के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए संस्थान के संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा कई प्रशिक्षण कार्यक्रम,ओरिएंटेशन प्रोग्राम, प्रदर्शनियों और राष्ट्रीय स्तर की नवाचार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है ताकि विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से छात्रो को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा की एन आई टी का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और सभी के लिए शिक्षा को सुलभ बनाना रहा है। राज्य में एक अधिक समावेशी और समग्र शिक्षा प्रणाली विकसित करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा की इस दृष्टिकोण को हकीकत में बदलने के लिए एनआईटी राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर सहयोगात्मक प्रयास के लिए सदैव तत्पर है। इन पहलों से छात्रों को न केवल आवश्यक कौशल विकसित करने में सहायता मिलेगी बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयों में उनकी अभिरुचि को भी बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर प्रोफेसर अवस्थी ने जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के.एस.दिगारी को भविष्य में हर प्रकार के शैक्षणिक सहयोग का आश्वासन भी दिया।
इस टूर के दौरान छात्रो के चेहरे पर उत्सुकता और ख़ुशी के भाव साफ़ दिखाई दे रहे थे। छात्रों ने कहा की वे विदुत चुम्बकत्व, न्यूटन रिंग, ऑक्सीकरण, तरल नाइट्रोजन का उपयोग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कोडिंग, रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिंटिंग, स्टीरियो जूम माइक्रोस्कोप, फोर स्ट्रोक डीजल इंजन टेस्ट रिग जैसे कई चीजों और वैज्ञानिक प्रयोगों को देखकर और अनुभव करके आश्चर्यचकित थे। उन्होंने एनआईटी की विभिन्न प्रयोगशालाओं की इस यात्रा का पूरा आनंद लिया और उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है।
जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के.एस.दिगारी ने निदेशक के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा,एनआईटी के शिक्षको द्वारा प्रदर्शित हर प्रयोग छात्रों के लिए बहुत उत्साहजनक था और वे उन्हें देखकर बहुत खुश हैं। यह भविष्य में छात्रों की जिज्ञासा को जागृत कर उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्रों में नवप्रवर्तन और अनुसन्धान करने के लिए प्रेरित करने में सहायक होगा।
भ्रमण के दौरान प्रभारी कुलसचिव डॉ.धर्मेन्द्र त्रिपाठी एवं डीन अकादमिक डॉ.जाग्रति सहरिया ने भी छात्रों को संबोधित किया और विभागाध्यक्षों और प्रयोगशाला सहायकों को शैक्षणिक भ्रमण सम्बन्धी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।