प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड में 29 नवंबर को पत्रकार सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक ने संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
प्रोफेसर अवस्थी ने संस्थान की हालिया उपलब्धियों की झलक पेश की। प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि विगत वर्ष एनआईटी उत्तराखंड,आईआईटी रुड़की, एनआईटी गोवा, एनआईटी दिल्ली और आईआईआईटी बैंगलोर को एमईआईटीवाई 411.44 लाख रुपये की परियोजना प्राप्त हुई है। एमईआईटीवाई से 84.70 लाख रुपये की एक अन्य परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग से डॉ.हरिहरन मुथुसामी, डॉ.टी.एस.अरोड़ा, डॉ.नितांशु चौहान और विवेक कुमार और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से हिमेश कुमार को प्रदान की गई है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग से डॉ.स्मिता कलोनी और डॉ.शशांक भात्रा को एसईआरबी-डीएसटी से 40.80 लाख रुपये का शोध अनुदान मिला है। भौतिकी विभाग की डॉ.जागृति सहरिया को सीएसआईआर, नई दिल्ली से 22.16 लाख रुपये का अनुदान मिला। इन परियोजनाओं के अलावा, संस्थान में 204.16 लाख रुपये की छह (6) और परियोजनाएं चल रही हैं। संकाय सदस्यों को दायर किए गए 5 में से 3 डिजाइन प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं, 4 पेटेंट दिए गए हैं, 2 पेटेंट प्रकाशित किए गए हैं और 2 और पेटेंट दायर किए गए हैं। वर्तमान में, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागों में 8.16 लाख रुपये के मूल्य की 8 परामर्श परियोजनाएं चल रही है हैं। उन्होंने आगे कहा की इस वर्ष एनआईटी उत्तराखंड को 40.48 के समग्र स्कोर के साथ 101-150 के बैंड में स्थान दिया गया है। एनआईआरएफ डेटा के समग्र विश्लेषण से पता चलता है कि संस्थान ने विभिन्न एनआईआरएफ मूल्यांकन मापदंडों में लगातार वृद्धि की है। अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास पैरामीटर में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। संस्थान को हाल ही में करियर 360 द्वारा एएएए (4 ए) के साथ “भारत का सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान” दर्जा दिया गया है। संस्थान को इंडिया टुडे की रैंकिंग 2023 में देश में 21 वें स्थान पर रखा गया है।
प्लेसमेंट का जिक्र करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा की वर्तमान प्लेसमेंट सत्र के केवल तीन महीनों के भीतर, सराहनीय 20% प्लेसमेंट दर हासिल की गई है जो कई अन्य एनआईटी की तुलना में बहुत अधिक है। पिछले वर्ष की बकाया 81% प्लेसमेंट दर से इस सफलता की तुलना करते हुए, यह स्पष्ट है कि संस्थान प्लेसमेंट में पर्याप्त वृद्धि और भर्ती कंपनियों से पैकेज की पेशकश में वृद्धि कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा की संस्थान ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0) के तहत स्किल हब की स्थापना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा कार्यान्वित कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की एक प्रमुख योजना है। संस्थान वर्तमान में सीएसई विभाग में जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर कोर्स प्रदान कर रहा है, जिसमें पास के आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग संस्थान से 30 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।
इस अवसर पर प्रोफेसर अवस्थी ने सुधांशु भंडारी, बी .टेक , सिविल इंजीनियरिंग, (बैच 2015-2019) को इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ईएसई) 2023 में अखिल भारतीय रैंक 27 हासिल करने के लिए बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सुमाड़ी में स्थायी परिसर का निर्माण के बारे में प्रोफेसर अवस्थी ने कहा की मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पिछले 14 वर्षों में पहली बार एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण में सभी बाधाओं को दूर कर दिया गया है। सुमाड़ी परिसर में निर्माण कार्य की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है। परिसर का पहला चरण 60 एकड़ की भूमि पर 1260 छात्रों को समायोजित करने के लिए निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 650.85 करोड़ रुपये है।
इस अवसर पर निदेशक ने पत्रकारों को संस्थान की सकारात्मक छवि का प्रचार प्रसार करने के लिए पत्रकारिता जगत के प्रति आभार प्रकट किया और उपस्थित पत्रकारों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
मौके पर कुलसचिव डॉ.धर्मेंद्र त्रिपाठी , डॉ.सनत अग्रवाल (डीन आर एंड सी ), डॉ.हरिहरन मुथुसामी (डीन फैकल्टी वेलफेयर), डॉ.विकाश कुकसाल (समन्वयक, कैरिअर काउंसलिंग एंड प्लेसमैंट), डॉ.डी.बी.सिंह (समन्वयक, मीडिया सेल) मौजूद थे।