प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर वर्ष 2023 की थीम मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट यानी मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है पर मनोरोग विभाग, फिजियोलॉजी एवं आरकेएसके कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सभी को एक सार्वभौमिक मानव अधिकार के रूप में सभी के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। ताकि सभी युवा-बुजुर्ग स्वस्थ्य शरीर के साथ मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल कर खुश और समृद्ध जीवन जीने में खुद की मदद कर सके।
मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.मोहित सैनी ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने के उद्देश्यों पर बताते हुए मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाने के टिप्स दिये। जबकि छात्रों द्वारा पूछे गये सवालों का मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाकर उनके मन में उठने वाले सवालों को विराम दिया। डॉ.सैनी ने कहा कि इस साल की थीम मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट इसलिए दी गई कि सभी का मानसिक स्वास्थ्य जन्मसिद्ध अधिकार है। गरीबी-अमीरी, जातिवाद, जेंडर जैसे किसी भी तरह का भेदभाव किसी के साथ ना हो। यदि इस तरह की भावना समाज में होगी और किसी के भी आत्मसम्मान पर ठेस पहुंचने से लाजमी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सभी प्रेरित करे कि इस तरह का कोई भी बात या कदम ना उठाये जिससे किसी के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़े। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए मन की परेशानियां के साथ ही खुशियां आपस में बांटे। एक दूसरे की बातें खुलकर सुने। फिजियोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. नीरू गर्ग ने छात्रों ने बेहतर टिप्स दिये जाने पर तथा कार्यशाला किये जाने पर आभार प्रकट किया। आरकेएसके काउंसलर मनमोहन सिंह ने कहा कि युवाओं में आज स्ट्रेस, डिप्रेशन, हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, घबराहट होना आदि मानसिक बीमारी के लक्षण है। जो युवाओं में आत्मघाती विचारों, मादक द्रव्यों के सेवन, आक्रामकता और गंभीर मानसिक बीमारी के ओर बढ़ा देते है। इसलिए समय रहते इस तरह के मामले में जल्द काउसंलिंग के लिए अस्पताल जाना चाहिए या डॉक्टर को देखना चाहिए। इस मौके पर डॉ.नेहा अग्रवाल, डॉ.सागर जोशी, डॉ.अमल भारद्वाज आदि मौजूद थे।