प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी) श्रीनगर व हरिद्वार विश्वविद्यालय उत्तराखंड के बीच अनुसंधान एवं कौशल विकास कार्यक्रम में अकादमिक समझौता “बुनियादी ज्ञान और कौशल सिर्फ नौकरी के लिए नहीं,बल्कि उच्च शिक्षा,उद्यम शीलता, एवं अवधारणा से लेकर व्यावसायीकरण तक, प्रौद्योगिकी विकास के सभी चरणों के लिए सामान रूप से महत्वपूर्ण है।”, प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, निदेशक एनआईटी, उत्तराखंड,ने यह बात हरिद्वार विश्वविद्यालय, उत्तराखंड (पूर्व में रूड़की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग) के साथ किये जा रहे एक अकादमिक समझौते के दौरान कही।
राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक सहयोग बढ़ाने में योगदान देने और शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में पारस्परिक हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,उत्तराखंड और हरिद्वार विश्वविद्यालय,उत्तराखंड के बीच एक शैक्षणिक समझौता किया गया जिस पर एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक,प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और हरिद्वार विश्वविद्यालय,उत्तराखंड के प्रो-वाईस चांसलर प्रोफेसर रमा भार्गव ने हस्ताक्षर किये।
समझौता ज्ञापन पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की परंपरा सदियों से चली आ रही है परन्तु ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के उदय ने शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता को तीव्र कर दिया है।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा कि इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों को पारस्परिक रूप से लाभान्वित करने के लिए पारस्परिक हित के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास में सहयोग, कौशल विकास कार्यक्रम, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण और संकाय विकास कार्यक्रम,छात्रों और संकाय के प्रशिक्षण में सहयोग, छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम, औद्योगिक प्रशिक्षण, अतिथि व्याख्यान,कार्यशाला कार्यक्रम,औद्योगिक दौरों का संचालन और छात्र प्रशिक्षण और दौरे,और दोनों संस्थानों में प्रासंगिक बुनियादी ढांचे की स्थापना और रखरखाव में संयुक्त सहयोग और भागीदारी एवं दोनों पक्ष यथासंभव ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे जिससे संकाय को संबंधित विभागों/केंद्रों और संस्थानों में अनुभव और प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आपसी हित के विषयों पर संयुक्त रूप से अल्पकालिक सतत शिक्षा कार्यक्रम, सेमिनार, सम्मेलन या कार्यशाला आयोजित करना, वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा प्रायोजित अनुसंधान या प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संयुक्त रूप से प्रस्ताव देना शामिल है।
प्रो-वाईस चांसलर प्रोफेसर रमा भार्गव ने समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने वाले दोनों संस्थानों के लिए एक आदर्श सार्वजनिक-निजी भागीदारी में एक साथ आना एक ऐतिहासिक क्षण है। एनआईटी, उत्तराखंड में शिक्षकों और छात्रों की अत्यधिक समर्पित टीम के साथ कई नए अंतःविषय अनुसंधान और शैक्षणिक कार्यक्रम है। मुझे विश्वास है कि यह समझौता दोनों संस्थानों को अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करेगा।”
शैक्षणिक समझौता ज्ञापन समारोह में एनआईटी, उत्तराखंड के प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी एवं हरिद्वार विश्वविद्यालय कि तरफ से निदेशक डॉ.विपिन सैनी,कुलसचिव लेफ्टिनेंट सुमित चौहान,डॉ.यशवीर,डॉ. निशा धीमान और श्री अभिनव भटनागर (ओएसडी) मौजूद थे ।