राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में स्वर्गीय अमर देव नौटियाल, स्वर्गीय अंजलि नौटियाल तथा स्वर्गीय नरोत्तमदत काला छात्रबृत्ति हुई बितरित।

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में निर्धन मेधावी छात्र वृत्ति कार्यक्रम का आयोजन बडे ही भव्य समारोह के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय की छात्रा ओं द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्पादित किया गया।विदित हो कि अमर देब नौटियाल छात्रवृत्ति का यह उन्तीस वां कार्यक्रम था।इनके सुपुत्रों द्वारा हर वर्ष अपने पिताजी स्वर्गीय अमर देव नौटियाल की पुण्य तिथि पर प्रत्येक वर्ष निर्धन मेंधावी 10 छात्रों को दो , दो, हजार की धनराशि दी जाती है। इस वर्ष भी इनके सुपुत्र हरिराम नौटियाल ने इस छात्र बृत्ति के साथ ही अपनी पत्नी स्वर्गीय अंजलि नौटियाल के नाम पर दस हज़ार रूपये की धनराशि मेधावी छात्रों को दी गई। अंजलि नौटियाल संस्कृत विषय में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थी। कोरोना महामारी के चलते परलोक सिधार गई थी। ऋतिश काला द्वारा स्वर्गीय नरोत्तम दत्त काला की स्मृति में 18हजार निर्धन मेधावी छात्र छात्रा ओं को बितरित किये। इस प्रकार विद्यालय के 24 छात्र, छात्रा ओं को दो दो हजार की धनराशि दी गई। छात्र वृत्ति समारोह में स्वर्गीय अमर देव नौटियाल के सुपुत्र हरिराम नौटियाल ने कहा कि मेरे पिताजी ने अपना जीवन बहुत ही अभावों में बिताया,लेकिन कभी हिम्मत नही हारी। उनका सपना था कि निर्धन मेधावी बच्चों को आगे बढ़ने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आनी चाहिए, हम आज उनके पग चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहे है। विद्यालय के प्रधानाचार्य के0एल0 तिवारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है।नौटियाल का प्रयास सराहनीय है। कार्यक्रम का संचालन राज्यपाल पुरस्कार तथा अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित अखिलेश चन्द्र चमोला ने करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी के सन्दर्भ में इस तरह की सोच रखना उच्चादर्श के भाव को उजागर करता है। इस तरह की छात्र वृत्तियों से छात्रो में आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्द्धा पैदा होती है। इस अवसर पर अचला नन्द नौटियाल, सोहन काला,दिनेश चन्द्र काला आदि ने भी अपने बिचार रखे। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय अध्यापकगण हरेंद्र कुमार, विनोद कुमार शाह,प्रदीप बिष्ट, विजय पाल सिह राणा,राजेन्द्र सिंह नेगी,मोहित,आशा.दीपशिखा, बिद्या,अर्चना ,कुसुम वर्त्वाल,केशव लखेडा आदि शिक्षक मुख्य रुप से मौजूद थे।