प्रदीप कुमार
श्रीनगर। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी अगामी विधानसभा सत्र के दौरान 06 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। यह जानकारी उपनल महासंघ के संगठन मंत्री व पेयजल के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र ने दी है। महेश ने बताया है की संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल के नेतृत्व में विधानसभा का घेराव किया जायेगा, जिसमे प्रदेश के समस्त उपनल कर्मचारी अपनी पूरी शक्ति से प्रतिभाग करेंगे। महेश ने बताया की प्रदेश सरकार द्वारा हमे हर बार छला जाता है, चुनाव के दौरान नेताओ द्वारा हमसे हर बार की तरह वादा किया जाता है और जैसे हि वे सरकार् में सदस्य बनते है हमे भूल जाते हैँ, अब ये सहन नही किया जायेगा, अब सरकार के विरुद्ध हमारे द्वारा विगुल बजा दिया गया है। उपनल कर्मचारी हि प्रदेश के समस्त विभागो को चला रहें है, और प्रदेश के मुखिया हि हमारे खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वक़ील नियुक्त करके लाखों रुपये उड़ाए जा रहे हैँ। यही दूसरी तरफ दो माह से वेतन न मिलने पर वन विभाग देहरादून मे कार्यरत उपनल कर्मचारी द्वारा आहत होकर जहर पी लिया गया था, उसके बाद भी न तो विभागीय अधिकारियों द्वारा वेतन संबंधी कार्यवाही की न सरकारी नेताओं द्वारा। उत्तराँखंड का बड़ा दुर्भाग्य है, यहां विधायकों के वेतन भत्तो में 100 प्रतिशत से भी उपर की बढ़ोत्तरी की जाति है, परन्तु यदि हम उपनल कर्मचारी मात्र मासिक वेतन में 20 से 30 प्रतिशत की मांग करे तो सरकार बहरी हो जाति है। हम उपनल कर्मचारी बहुत हि मुश्किल समय से गुजार् रहे हैँ, न तो समय पर वेतन और न वेतन में बढ़ोतरी।
महेश ने बताया की अगामी 06 सितंबर को अपनी जायज 07 सूत्रीय मांगो के साथ हम सब विधानसभा घेरेंगे, जिसमे पेयजल के समस्त कर्मचारी पूरे जोश के साथ प्रतिभाग करेंगे, सरकार जितना जोर लगा ले हम झुकेंगे नहीं, उपनल कर्मचारी लड़ा था, लड़ा है, लडता रहेगा।
महेश चंद्र ने समस्त विभागो के उपनल कर्मचारियों को उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु आह्वान किया है। इसके साथ महेश ने संदेश दिया है जो भी उपनल कर्मचारी का हितैषी है इस विधान सभा घेराव में समर्थन दे सकता है।
मुख्य मांग- 1. सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापिस लेते हुए सरकार तुरंत हाईकोर्ट द्वारा 2018 के आदेश को तत्काल लागू करे।
2. 2011 में गठित केबिनेट मंत्रियों की उपसमिति की रिपोर्ट लागू हो।
3. स्वीकृत पदो के सापेक्ष नियुक्त कार्मिको को वेतन दिये जाने वाले आदेश को निरस्त किया जाय।
4. मानदेय में कम से कम 20-30 प्रतिशत वृद्धि करते हुए, तत्काल आदेश करें।
5. अन्य प्रदेश के समान उत्तराखण्ड में भी उपनल कर्मचारियों को नियमित किया जाय।
6. उपनल कर्मचारी के आश्रितों के लिए मृतक आश्रित कोटा लागू किया जाय।
7. अन्य कर्मचारियों के भाँती उपनल कर्मचारी के लिए भी महंगाई भत्ते को लागू किया जाय।