गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। हमारी भारतीय संस्कृति अपने आप में बड़ी अनमोल विशिष्ट व प्रभाव कारी मानी जाती है।यहां लौकिक जगत के अतिरिक्त अलौकिक सत्ता में बड़ी श्रद्धा और आस्था देखने को मिलती है। इस कारण भक्त जन अपने अराध्य देवी देवता के प्रति समर्पित भाव से पूजा करके अपने आस्था के भाव को उजागर करने का प्रयास करते रहते हैं।इसी तरह का एक उदाहरण बाला वाला दक्षिण काली कस्तूरी सदन देहरादून के सन्दर्भ में देखने को मिल रहा है। पेशे से अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा दक्षिण भारत से काले पत्थर से निर्मित मां दक्षिण काली की प्रतिमा का गुप्त नवरात्रि के पुनीत सुअवसर पर प्रतिष्ठा की गयी, मूर्ति अपने आप मे भव्य व आकर्षकता के भाव को समाये हुए है।मूर्ति के शुभागमन से भक्तो में खुशी और उत्साह का संचार देखने को मिल रहा है। दक्षिण काली कस्तूरी सदन के प्रबन्धक डां महेंद्र सिंह भन्डारी ने कहा बहुत जल्दी ही शुभ मूहुर्त पर मां काली की प्राण प्रतिष्ठा वेद मन्त्रों के उच्चारण के साथ की जायेगी,जिसमें मां काली के भक्तों द्वारा मां काली के प्रवचन के साथ ही,मां के भन्डारे का भी आयोजन किया जायेगा।