(वक़्त- समय) कविता संग्रह मदन गडाेइ श्रीनगर। —————————————
वक़्त का पहिया कभी रुकता नही,
रुकता है तो कभी चलता नही।
वक़्त के अच्छे अच्छो को धूल चटाई है,
किसी को मलाई, तो किसी को रबड़ी खिलाई है।
वक़्त के साथ चलना इंसान की फितरत है,
न चले साथ तो यह उसकी किस्मत है।
वक़्त इंसान को चलना सिखाता है,
इस जहां मे अपनो का परिचय करता है।
वक़्त कभी अच्छा या बुरा नही होता है,
यह तो जीवन की राह है, कही प्लेंन कही गड्ढा होता है।
वक़्त से दुआ करो सब मेरे यार,
जीवन मे सबकी खुशिया आये अपार।
- मदन गडाेइ श्रीनगर
प्रस्तुति- गबर सिंह भंडारी श्रीनगर गढ़वाल