गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर गढ़वाल :- उत्तराखंड में रिवर्स पलायन के लिए उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण दे सरकार यह कहना है वन यूके टीम सामाजिक संगठन भिलंगना ब्लॉक के अध्यक्ष भगवान सिंह चौधरी का उत्तराखंड में सिर्फ और सिर्फ कृषि,तथा मजदूरी दो ही रोजगार है जैसे की पहाड़ी क्षेत्र में अस्सी के दशक (१९८० )में जिस आदमी के पास ढाई हेक्टर भूमि थी, उसके आज पंद्रह मालिक है जमीन वही है और आगे हम दो हमारे दो के हिसाब से तीस मालिक हो जायेंगे ,और जमीन वही है उसी जमीन पर चारा भी कटना है उसी जमीन के पीछे खाना भी खाना है बच्चे भी पढ़ाने है और सुख दुख भी देखना है क्या इस जमीन पर पंद्रह परिवारों का गुजारा चलेगा ,उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रौं में जमीन आकाश बृति पर आधारित है अगर बरसात होगी तो पैदावार अच्छी होगी अगर सूखा पड़ गया तो भगवान का भरोसा, कभी कभी तो ओले भी पड़ जाते है और फसल बर्बाद हो जाती है आज इक्कीसवीं सदी ,और आजादी के 75 साल तथा उत्तराखंड बनाने के बाइस सालों बाद भी सिंचाई के लिए कोई साधन नहीं है अगर सरकार के कागजों में होंगे तो अलग बात है , पहाड़ी खेती को चलाने के लिए आज भी बैलों का ही आसरा है जिसमे समय और मेहनत अधिक लगती है और फायदा कम मिलता है जिसके कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के युवा 75%होटल, 10%फौज,1% लोग सरकारी और 14%लोग अपना स्वरोजगार खेती, ड्राइविंग घोड़ा खच्चर चलाकर तथा प्राइवेट सेक्टर में काम करके गुजारा करते है। सरकार इन बाइस सालों में पलायन रोकने में फेल हुई है अगर सचमुच में सरकार पलायन रोकना चाहती है तो उत्तराखंड के समस्त पहाड़ी क्षेत्र को अन्य पिछड़ा क्षेत्र घोषित करके सभी सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की व्यवस्था करे ताकि मूल निवासियों को भी उत्तराखंड राज्य का लाभ मिल सके।भगवान सिंह चौधरी अध्यक्ष वन यू के टीम सामाजिक संगठन भिलंगना टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड।