ऋषिकेश में ₹100 करोड़ की लागत से बनेगा आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

हरीशंकर 
देहरादूनयोग और पर्यटन नगरी ऋषिकेश में ₹100 करोड़ की लागत से आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इससे ऋषिकेश में राफ्टिंग गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा।
आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण केंद्र सरकार की पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता नामक योजना के अंतर्गत किया जाएगा। देश के 23 राज्यों के 40 विभिन्न पर्यटक स्थलों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने ₹ 3295 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजना में चयनित 40 पर्यटक स्थलों में ऋषिकेश भी शामिल है।
राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का उद्देश्य ऋषिकेश के राफ्टिंग पर्यटन के बुनियादी ढांचे की चुनौतियों से निपटना है। इस परियोजना का उद्देश्य अंतर राज्य बस टर्मिनल पर राफ्टिंग संचालन को केंद्रित करना और साथ ही अधिक धन खर्च करने की क्षमता वाले पर्यटकों को आकर्षित करने से जुड़ा है। इसके अलावा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली और उन्नत सुविधाएं प्रदान करना भी परियोजना का उद्देश्य है।
इस परियोजना में पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए शौचालय, कपड़े बदलने के लिए उचित व्यवस्था और सड़क किनारे खान-पान की छोटी दुकानों जैसी आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण केंद्रीकृत राफ्टिंग बेस स्टेशन का विकास करने के बिंदु शामिल है। इसमें तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और सुरक्षा तथा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए आईटीसी आधारित निगरानी प्रणाली को लागू करना भी शामिल है। इसके अलावा पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने और क्षेत्र के ईको सिस्टम को बनाए रखने के लिए एक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी परियोजना के अंतर्गत स्थापित की जाएंगी।
इस परियोजना के माध्यम से लगभग 1500 लोगों को नौकरी मिलने का भी अनुमान है। इस योजना के लिए जमीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी और क्रियान्वयन का दायित्व भी राज्य सरकार पर ही रहेगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसकी निगरानी करेगा। योजना के लिए 66 प्रतिशत राशि राज्यों को जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों से इस योजना के अंतर्गत विकसित हो रहे पर्यटन स्थलों के विकास के कार्यों को पूरा करने के लिए दो वर्ष की समयसीमा तय की है।

ऋषिकेश, जो भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक प्रसिद्ध शहर है, को “योग की राजधानी” और “पर्यटन नगरी” के रूप में जाना जाता है। यह शहर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, और यह हरिद्वार से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। ऋषिकेश को न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के लिए जाना जाता है, बल्कि यह साहसिक पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहाँ राफ्टिंग, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, और योग जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इन गतिविधियों में सबसे प्रमुख और लोकप्रिय है – राफ्टिंग।

 राफ्टिंग और इसके महत्व का परिचय

राफ्टिंग, एक साहसिक जलक्रीड़ा है, जो नदियों की तीव्र धारा में नाव द्वारा की जाती है। यह एक मजेदार, रोमांचक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण गतिविधि है, जिसे दुनियाभर में लोग पसंद करते हैं। ऋषिकेश को राफ्टिंग के लिए खास तौर पर जाना जाता है, क्योंकि यहाँ की गंगा नदी की तेज धारा और मनोहारी दृश्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं। यहां का राफ्टिंग स्थल, जो प्रमुख रूप से त्रिवेणी घाट से लेकर लक्ष्मण झूला तक होता है, साहसिक प्रेमियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

 ऋषिकेश में राफ्टिंग पर्यटन का विकास

ऋषिकेश में राफ्टिंग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई प्रयास किए गए हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में राफ्टिंग बेस स्टेशन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी ताकि राफ्टिंग गतिविधियों को और सुव्यवस्थित तरीके से संचालित किया जा सके। इसी उद्देश्य से ₹100 करोड़ की लागत से एक आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना का उद्देश्य ऋषिकेश में राफ्टिंग पर्यटन को एक नया आकार देना और इसके साथ जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।

राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना

इस राफ्टिंग बेस स्टेशन का निर्माण केंद्र सरकार की ‘पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत किया जाएगा। यह योजना भारतीय पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए शुरू की गई थी, जिसमें देश के 23 राज्यों के 40 प्रमुख पर्यटक स्थलों का विकास किया जाएगा। इन स्थलों में ऋषिकेश भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और इसके विकास के लिए ₹3295 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का मुख्य उद्देश्य ऋषिकेश में राफ्टिंग गतिविधियों को बेहतर तरीके से संचालित करना है। यह परियोजना राफ्टिंग पर्यटन के बुनियादी ढांचे की कई महत्वपूर्ण चुनौतियों को दूर करने का कार्य करेगी। इसमें राफ्टिंग संचालन को अंतर राज्य बस टर्मिनल पर केंद्रीत करने, मानकीकृत बुकिंग प्रणाली विकसित करने और उन्नत सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा।

 पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाना

इस राफ्टिंग बेस स्टेशन में पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें शौचालय, कपड़े बदलने के लिए उचित व्यवस्था, खानपान की छोटी दुकानों जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, तपोवन क्षेत्र में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण किया जाएगा, ताकि पर्यटकों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।

 सुरक्षा और निगरानी

परियोजना में एक महत्वपूर्ण पहलू सुरक्षा है। राफ्टिंग में हर साल अनेक पर्यटक शामिल होते हैं, और सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। इस हेतु, आईटीसी आधारित निगरानी प्रणाली को लागू किया जाएगा, जिससे राफ्टिंग गतिविधियों की निगरानी की जा सके और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी स्थापित की जाएगी, ताकि इस क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य और पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रह सके।

आर्थिक प्रभाव

इस राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का आर्थिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। परियोजना से करीब 1500 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसमें सीधे तौर पर राफ्टिंग संचालन, बुकिंग, सुरक्षा, और पर्यटन सेवाओं से संबंधित नौकरियां शामिल होंगी। इसके अलावा, राफ्टिंग से जुड़े अन्य व्यवसायों, जैसे होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियों और अन्य सेवाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होगी।

 पर्यावरणीय दृष्टिकोण

किसी भी बड़े निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना आवश्यक होता है। इस परियोजना में पर्यावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। राफ्टिंग बेस स्टेशन के निर्माण में न केवल प्राकृतिक संसाधनों का ध्यान रखा जाएगा, बल्कि अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के जरिए पर्यावरण को संरक्षित रखने की भी कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही, परियोजना के तहत क्षेत्र के इको-सिस्टम को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए जाएंगे, जैसे जल संरक्षण, ऊर्जा की बचत और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग।

 राज्य सरकार की भूमिका

इस परियोजना में राज्य सरकार का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी और परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार पर होगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इस परियोजना की निगरानी करेगा, और योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को इस परियोजना के तहत पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए दो वर्ष की समयसीमा दी है।

 निष्कर्ष

ऋषिकेश में बनने वाला यह आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन न केवल राफ्टिंग पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस परियोजना के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं में सुधार, रोजगार सृजन, पर्यावरणीय स्थिरता और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी प्रभाव होंगे। यह कदम ऋषिकेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को भी नया आयाम प्रदान करेगा।

इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि ऋषिकेश एक सुरक्षित, व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल राफ्टिंग पर्यटन स्थल बन सके, जो न केवल भारतीय पर्यटकों बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।