उत्तराखंड फिल्म जगत को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं निर्देशक सुभाष चावला

देहरादून।उत्तराखंड में निर्मित फिल्म “ड्यू ऑफ डेविल्स” का पोस्टर लांच हुआ।उत्तराखंड की अपनी फिल्म ड्यू ऑफ डेविल्स का पोस्टर लांच देहरादून 15 नवंबर 2024,मैजिक वॉक एंटरटेनमेंट की ओर से आज राजपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।इस प्रेस वार्ता को फिल्म “ड्यू ऑफ डेविल्स” के लेखक एवं निर्देशक सुभाष चावला ने संबोधित किया।कार्यक्रम में “ड्यू ऑफ डेविल्स” फिल्म का पोस्टर भी लॉन्च किया गया।प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए फिल्म के लेखक एवं निदेशक सुभाष चावला ने कहा कि मैजिक वॉक एंटरटेनमेंट की ओर से एक अद्भुत फिल्म प्रस्तुत होने जा रही है।उन्होंने कहा कि समाज में हर सभ्यता के लोग किसी न किसी भय से ग्रस्त हैं,उनमें से एक मुख्य भय जो मानसिकता को प्रभावित कर कुंठित कर देता है वह भूतों का भय है।आश्चर्यजनक रूप से यह विदित हुआ है कि 70% से अधिक लोग भूतों पर विश्वास करते हैं एवं 20% का कहना है कि वे भूतों को को स्वयं देखा है।हम इस भ्रम को तोड़ना चाहते हैं और हमारी फिल्म ड्यू ऑफ डेविल्स अर्थात “भूतों का कर्ज” सभी मुख्य मुद्दों को विचार में लेते हुए बनाई गई है।इस फिल्म की शूटिंग पूर्णत: उत्तराखंड में की गई है और इसमें उत्तराखंड के विभिन्न कलाकारों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया है।हर्ष की बात यह है कि वे सब एक मंझे हुए एवं निखरे हुए कलाकारों की तरह इस फिल्म में उभरे हैं।इस फिल्म का लेखन एवं निर्देशन पूर्णत: सुभाष चावला द्वारा किया गया है।डॉक्टर आलोक सकलानी के अद्भुत सहयोग ने इस फिल्म को उत्कृष्ट बना दिया है।इस मौके पर मौजूद कवि व शायर कुमार विजय द्रोणी उपायुक्त कर विभाग उत्तराखंड ने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार की कला छुपी हुई है,चाहे उसमें हमारा लोक नृत्य हो लोग गायक कलाकार हो या फिर क्षेत्रीय फिल्म से जुड़े कलाकार हो जो उत्तराखंड ने देश को दिये हैं।कई बड़े कलाकार और गायक फिल्म इंडस्ट्रीज मे उत्तराखंड के मौजूद हैं।उन्होंने कहा कि घरेलू फिल्म जगत को अगर हम बढ़ावा दे तो वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड में भी मुंबई की तर्ज पर बड़े लेवल की फिल्में क्षेत्रीय कलाकारों को लेकर बनाए जा सकती हैं,क्योंकि यहां पर कलाकारों की कोई कमी नहीं है,चाहे वह गायक के क्षेत्र में हो या फिर अभिनय के,उच्च स्तर के कवि और शायर भी मौजूद हैं,जिनकी लेखनी में जादू है।उन्होंने कहा कि संगीत आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का काम करता है अर्थात संगीत हमें जीने की कला भी सिखाता है और हमारी संस्कृति से जुड़े का काम भी करता है।आपको बता दें कि कुमार विजय द्रोणी कविताओं और शायरी में अपनी अलग पहचान रखते हैं।सरल स्वभाव के धनी उच्च पद पर आसीन फिर भी अपनी कला और संस्कृति से जुड़े हुए हैं।इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार समाजसेवी महेंद्र कुमार तनेजा ने कहा यदि हम अपने आसपास देखें तो हर एक के अंदर कुछ ना कुछ कला छुपी हुई है,बस उसको निखारने वाला होना चाहिए।इसी बात को समझते हुए फिल्म निर्देशक सुभाष चावला ने फिल्म में क्षेत्रीय कलाकारों को मौका दिया है साथ ही फिल्म की एडिटिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक भी उत्तराखंड में ही तैयार किया गया है,इससे यह प्रतीत होता है कि हम उत्तराखंड में रहकर भी इंटरनेशनल लेवल की फिल्म को तैयार कर सकते हैं।हमारे पास प्राकृतिक सौंदर्य और कलाकारों से परिपूर्ण एक बेहतर प्लेटफार्म हैं,जो आने वाले समय में और निखर आएगा। तनेजा ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृति के साथ-साथ आध्यात्मिकता को भी दर्शाता है।फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में शुभांक गुप्ता,स्नेहा शर्मा,शुभम शर्मा, फशीह खान,राहुल चौहान,नितिन,निखिल पूनिया,अनन्या ने काम किया है,वही सहयोगी कलाकार में अजय देव,श्रीमती काला,राष्ट्री, प्रिंस,प्रीति,निवास,बिंदु,प्रतीक,आशीष,वरुण ने काम किया है एवं बाल कलाकार के रूप में लड्डू ने अपनी भूमिका निभाई है।फिल्म में म्यूजिक हर्ष ने दिया है एवं कैमरामैन के रूप में धीरज बत्रा ने काम किया है।