साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान – #SafeDigitalIndia
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देशवासियों को “मन की बात” कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा को लेकर दिए गए महत्वपूर्ण निर्देशों और #SafeDigitalIndia हैशटैग के प्रचार-प्रसार के क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के आदेशों के क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार द्वारा प्रधानमंत्री के उक्त संदेश को समस्त जनपदों के एसएसपी/एसपी द्वारा तत्काल रूप से साइबर सुरक्षा अभियान के तहत लागू करने हेतु आदेशित किया गया है।
1. जागरूकता अभियान का संचालन:
सभी जिलों में तत्काल रूप से #SafeDigitalIndia हैशटैग के अंतर्गत साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता अभियान प्रारंभ किया जाए।
यह सुनिश्चित किया जाए कि इस अभियान के दौरान डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराधों के प्रति जनता को सतर्क किया जाए और लोगों को “रूको, सोचो और एक्शन लो” का संदेश दिया जाए।
2. शिक्षण संस्थानों में जागरूकता:
साइबर सेल की सहायता से जिले के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएं।
विद्यार्थियों को डिजिटल सुरक्षा, संवेदनशील जानकारी साझा न करने, और साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों के बारे में बताया जाए।
सोशल मीडिया पर भी #SafeDigitalIndia हैशटैग के माध्यम से जागरूकता अभियान को बढ़ावा दिया जाए।
3. वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष जागरूकता अभियान:
वरिष्ठ नागरिक साइबर ठगों के आसान शिकार बनते हैं, विशेषकर वे जो अकेले रहते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक एसएसपी अपने जिले में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष जागरूकता सत्र आयोजित करें।
इन सत्रों में वरिष्ठ नागरिकों को साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों और उनसे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाए।
साइबर सेल की सहायता से वरिष्ठ नागरिकों को जागरूक करने के लिए सामुदायिक केंद्रों, वृद्धाश्रमों और समाजिक कार्यक्रमों में विशेष सत्र का आयोजन किया जाए।
4. जनसंपर्क के माध्यम से व्यापक प्रचार:
प्रत्येक जिले में साइबर सुरक्षा से जुड़े पोस्टर, ब्रोशर और बैनर सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाएं और इन पर #SafeDigitalIndia को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए।
सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग के सभी आधिकारिक खातों पर इस अभियान से संबंधित सामग्री को साझा करें और अधिक से अधिक लोगों को हैशटैग का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करें।
5. साइबर हेल्पलाइन 1930 का प्रचार:
राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और cybercrime.gov.in का प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि किसी भी साइबर अपराध के मामले में लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को साइबर हेल्पलाइन के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाए और उनसे आग्रह किया जाए कि संदेह होने पर तत्काल रिपोर्ट करें।
6. मीडिया सहयोग:
स्थानीय मीडिया के साथ मिलकर टीवी, रेडियो, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से साइबर सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
विशेष साक्षात्कार, लेख, और विज्ञापनों के माध्यम से जनता को साइबर सुरक्षा के महत्व और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जाए।
7. सभी क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी करें फील्ड विजिट:
सभी क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी सुनिश्चित करें कि वे अपने क्षेत्र में नियमित रूप से फील्ड विजिट करें और वरिष्ठ नागरिकों से मिलकर उन्हें साइबर फ्रॉड से बचने के तरीके बताएं।
प्रदेश के समस्त एसएसपी/एसपी सुनिश्चित करें कि इस आदेश का क्रियान्वयन शीघ्र और प्रभावी रूप से हो। #SafeDigitalIndia अभियान के माध्यम से हम सब मिलकर उत्तराखंड को साइबर अपराध मुक्त बनाने में योगदान दें।