वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त क्षेत्राधिकारियों/थाना प्रभारियों के साथ की गयी मीटिंग।

प्रदीप कुमार
पौड़ी श्रीनगर गढ़वाल।आज दिनांक 28 अगस्त 2024 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह द्वारा जनपद पौड़ी के क्षेत्राधिकारियों व थाना प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से गोष्ठी की गई,जिसमें निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए गए:
1.समस्त थाना प्रभारी नए कानूनों के प्रावधानों के अनुसार ही अभियोग दर्ज करें। महिला संबंधी अपराधों को महिला कर्मी द्वारा ही दर्ज किया जाए। 07 वर्ष से अधिक की सजा वाले अपराधों में एफएसएल टीम को घटना स्थल का निरीक्षण व साक्ष्य संकलन हेतु अवश्य बुलाया जाए। ई-एफआईआर की समीक्षा के लिए प्रत्येक थाने में अलग से एक रजिस्टर बनाया जाए जिसमें ई-एफआईआर से संबंधित संपूर्ण जानकारी का पूर्ण विवरण अंकित किया जाए। इसके अलावा नए कानूनों के तहत दर्ज किए गए अभियोगों व विवेचनाओं में आ रही व्यावहारिक समस्याओं के संबंध में भी चर्चा कर समस्याओं के निदान का प्रयास किया गया।
2.जनपद में नाबालिगों के वाहन चलाने से बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए। यातायात नियमों का पालन न करने पर उनके अभिभावकों एवं वाहन स्वामियों के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कठोर कार्यवाही की जाए। जिन थाना प्रभारियों द्वारा अब तक अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है,उन्हें प्रभावी कार्यवाही करने हेतु सख्त हिदायत दी गई।
3.यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने एवं सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के दृष्टिगत शराब पीकर वाहन चलाने वालों एवं रैश ड्राइविंग करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध और प्रभावी कार्यवाही की जाए।
4.महोदय द्वारा जनपद के समस्त थानों में नियुक्त पैरोकारों को निर्देशित किया गया कि गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मुकदमों की प्रभावी पैरवी करें जिससे कि न्यायालय में समय से मुकदमों का सफल निस्तारण हो सके। इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया कि समस्त पैरोकार मुकदमों से संबंधित वारंट/सम्मन की तामील समय से करवाकर गवाहों की न्यायालय में गवाही कराएं साथ ही न्यायालय से संबंधित सभी अभिलेखों को अपडेट रखें।
1.बाजारों में आवारा घूम रहे पशुओं के कारण आम जनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं या सड़क दुर्घटना होने की प्रबल संभावना भी बनी रहती है। पशुओं को आवारा न छोड़ने हेतु 01 सितंबर से 15 दिवसीय अभियान चलाने हेतु समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। उससे पूर्व सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रांतर्गत लोगों को अपने पशुओं को बाजारों/सड़कों में आवारा न छोड़ने हेतु एनाउंसमेंट व अन्य माध्यमों से जागरूक करेंगे। इसके बावजूद भी अगर कोई व्यक्ति अपने पालतू पशु को आवारा छोड़ता है तो उसके विरुद्ध गो वंश संरक्षण अधिनियम-2015 के तहत चालानी कार्यवाही की जाएगी।