प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। बेस चिकित्सालय में बाल रोग विभाग के तत्वावधान में विश्व स्तनपान दिवस सप्ताह अस्पताल में जन्में शिशुओं को माताओं को स्तनपान कराने के फायदों के साथ मनाया गया। जबकि इस वर्ष की थीम ’क्लोजिंग द गैप-ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल’ पर स्तनपान को प्रोत्साहन देने के लिए व प्रसूताओं को नवजात बच्चों को प्रथम आहार के रूप में मां के दूध के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न जानकारी डॉक्टरों द्वारा दी गई। बेस अस्पताल के बाल रोग विभाग में आयोजित विश्व स्तनपान दिवस का शुभारंभ करते हुए बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ.सी.एम.शर्मा ने कहा कि वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक का मकसद ब्रेस्टफीडिंग के महत्व के बारे में सबको समझना होगा। बाल रोग विभाग की ओपीडी में स्तनपान सप्ताह में पहुंची माताओं को डॉ.शर्मा ने कहा कि मां का दूध नवजात बच्चे के लिए पूरा आहार होता है,इससे बच्चों को जरूरी पोषण मिलता है साथ ही,उनकी इम्यूनिटी विकसित होती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। इससे पोस्टपार्टम रिकवरी जल्दी होती है और और ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाव होता है। स्तनपान कराने से मां और शिशु दोनों को फायदा होता है। शिशु को स्तनपान से अच्छा और सम्पूर्ण आहार मिलता है। मां के दूध में पाया जाने वाला कोलेस्ट्रम शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता और रोगों से बचाने तथा वृद्धि अच्छे से होती है। बाल रोग विभाग के चिकित्सक डॉ.अशोक शर्मा ने कहा कि स्तनपान शिशु के जन्म के पश्चात एक स्वाभाविक क्रिया है। भारत में अपने शिशुओं का स्तनपान सभी माताऐं कराती हैं,परन्तु पहली बार मां बनने वाली माताओं को शुरू में स्तनपान कराने हेतु सहायता की आवश्यकता होती है। स्तनपान के बारे में सही ज्ञान के अभाव में जानकारी न होने के कारण बच्चों में कुपोषण का रोग एवं संक्रमण से दस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्तनपान से बच्चे के इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलने,शिशु मृत्यु दर को कम करने के साथ ही सबसे महत्वपूर्ण श्वसन पथ के संक्रमण,मधुमेह,एलर्जी रोगों जैसे संक्रमणों और बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया के विकास के जोखिम को कम करता है। विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अंकिता गिरी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि माँ का दूध छह-आठ महीने तक बच्चे के लिए श्रेष्ठ ही नहीं, जीवन रक्षक भी होता है। इस मौके पर विभाग के सभी सीनियर डॉक्टर,पीजी जेआर,काउंसलर सहित आदि मौजूद थे।