गौ सेवा संवर्धन समिति द्वारा श्रीनगर में श्रीमद् भागवत गौ कथा का हुआ समापन     

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। गौ सेवा संवर्धन समिति के द्वारा श्रीमद् भागवत गौ कथा कंसमर्दनी मार्ग स्थित बंधन वेडिंग प्वाइंट मे व्यास साकेतानन्द भट्ट महाराज ने आज ‘श्रीमद् भागवत गौ कथा’ के अंतिम सोपान मे प्रवेश किया।उन्होंने कहा कि मानस मे बाबा तुलसीदास ने कहा है कि,श्रद्धा, मां भगवती गौरी है,श्रद्धा सभी धर्मों का प्रारंभ है। जहां सात्विक श्रद्धा है, वहीं ‘धेनु’ रहेगी और जहां धेनु होगी वहीं सद्बुद्धि,विवेक,सुख,समृद्धि, सम्पन्नता होगी। गौमता 33 कोटि देवताओं का निवास स्थान है संपूर्ण ब्रह्माड मे एक गौ ही है जिसमे सभी देव समाहित हैँ गौ ही है जो वैतरणी पार लगाती है।ब्यास जी ने आज भी भगवान श्रीकृष्ण को गोकुल की वीथियों मे घुमाया। जहां गौकुल है वहीं भगवान होते हैं,इसलिए प्रत्येक मानव को अपना घर,अपना हृदय,मन और मस्तिष्क को ‘गोकुल’ बना लेना चाहिए,ताकि इन सारे स्थानों में भगवान का वास रहे।
नंद गृह और गोकुल में भगवान द्वारा की गई बालपन की विभिन्न लीलाओं के पश्चात द्वारिका मे भगवान द्वारकाधीश राजकार्य निभाते रहे और अंत मे भगवान का अपने धाम गमन के साथ व्यास भगवान ने सभी को सुफल प्रदान किया गौ हमारे जीवन में अवश्य होनी चाहिए,गौ से ही हमारा जीवन भी है।
गौ संरक्षण संवर्धन के साथ ही व्यासपीठ से व्यास ने मनुष्य और गौ के अस्तित्व बचाने के लिए पॉलीथीन के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान भी किया।
मुख्य यजमान आनन्द सिंह भण्डारी ने ही आज कथा पूजा मे भाग लिया,जबकि पूजा पश्चात हवन यज्ञ मे गणेश जोशी निवासी न्यू डांग,एडवोकेट पंकज बहुगुणा, निवासी श्रीकोट प्रकाश रावत गौ सेवक निवासी भक्तियाणा,सूर्य प्रकाश नौटियाल केमिस्ट निवासी भक्तियाणा,मिडिया प्रभारी राजेंद्र प्रसाद बड़थ्वाल,निवासी गोला बाजार,राजेंद्र भण्डारी,निवासी बडियारगढ,पंकज बहुगुणा श्रीकोट ने मुख्य यजमान के साथ हवन यज्ञ सम्पन्न किया।
आज 3 अप्रैल को व्यास व आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों के समापन उद्बोधन के साथ ही भण्डारे के आयोजन पश्चात इस अष्ट दिवसीय श्रीमद् भागवत गौ कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हुआ। सचिव हिमांशु बहुगुणा ने सभी भक्तों का धन्यवाद ज्ञापित किया।