ऊखीमठ केदार घाटी क्षेत्र के सीमांत गांवों में बैंगलोर का एक सदस्यीय दल पहाड़ की संस्कृति व पौराणिक परंपराओं के साथ ही फुलारी महोत्सव से हुआ रूबरू

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। सीमांत गांवों में पर्यटन व होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत दिनों केदार घाटी के सीमांत गांवों में पहुंचा बैगलोर का आठ सदस्यीय दल भूली बिसरी यादों के साथ सकुशल वापस लौट गया है। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि सीमांत गांवों के भ्रमण के दौरान बैगलोर का आठ सदस्यीय दल पहाड़ की आध्यात्मिक,सास्कृतिक व पौराणिक परम्पराओं के साथ ही फुलारी महोत्सव तथा पहाड़ की रहन-सहन से भी रूबरू हुआ। पंच केदार यात्रा गांव की ओर के नेतृत्व में आया बैगलोर का आठ सदस्यीय दल पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही पहाड़ की संस्कृति से भी रूबरू हुआ तथा सीमांत गांवों का भ्रमण करने के बाद दल ने कहा कि पहाड़ के पग-पग पर आत्मीयता झलकती है। दल में शामिल बैगलोर निवासी श्याम कृष्णा ने कहा कि तल्ला नागपुर के ग्वास-उसनतोली बुग्याल-कार्तिक स्वामी पैदल ट्रैक बहुत ही खूबसूरत है तथा उसनतोली बुग्याल को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है इसलिए भविष्य में इस पैदल ट्रैक में पर्यटन की अपार सम्भावनायें है। दल में शामिल दीपक ने कहा कि हिल स्टेशन मोहनखाल बहुत ही खूबसूरत है तथा मोहनखाल-किणझाणी-चन्द्रनगर पैदल ट्रैक विकसित करने से क्यूंजा के सीमांत गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिल सकता है। दल में शामिल स्मृति ने कहा कि पहाड़ का रहन-सहन व यहां के लोगों के व्यवहार में आत्मीयता झलकती है इसलिए यहां बिताने हर पल आजीवन याद रहेगें। दल में शामिल शरत ने कार्तिक स्वामी,सौर भूतनाथ,तृतीय केदार तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ,भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर,सिद्धपीठ कालीमठ,विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी के दर्शन करने के बाद मन को अपार शान्ति मिली है। शिल्पा ने कहा कि पर्यटक स्थल देवरिया ताल व तुंगनाथ घाटी की सुरम्य वादियों से पहली बार रूबरू होने का सौभाग्य मिला। पूर्वी ने कहा कि पहाड़ के पग-पग प्रकृति ने नव नवेली दुल्हन की तरह सजाया व संवारा है इसलिए भ्रमण के दौरान यहां परम आनन्द की अनुभूति हुई है। आशा ने कहा कि पहाड़ की सुन्दरता की महिमा का जितना गुणगान करें उतना कम है। निकिता ने कहा कि चन्द्रशिला के ऊंचे शिखर से चौखम्बा सहित हिमालय की पर्वत श्रृंखला दृष्टिगोचर होने से ऐसा लगा की धरती का साक्षात् स्वर्ग इसी माटी में हो! दल का नेतृत्व कर रहे पंच केदार यात्रा गांव की ओर के संयोजक जगदीश प्रसाद मैठाणी ने बताया कि सीमांत गांवों में पर्यटन व होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस दल का भ्रमण सीमांत गांवों में करवाया गया था तथा भविष्य में भी सीमांत गांवों में पर्यटकों सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों को सीमांत गांवों का भ्रमण करवाने की पहल की जायेगी।