राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर द्वारा दो शैक्षिक संस्थानों आईआईटी चेन्नई व महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून के साथ राष्ट्रीय, वैश्विक स्तर पर शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने और पारस्परिक हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,उत्तराखंड द्वारा स्थानीय,राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में सतत प्रयास किया जा रहा है। इसी सन्दर्भ में एनआईटी,उत्तराखंड द्वारा हाल ही में दो शैक्षिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए है। जिसमें से एक समझौता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी), चेन्नई और दूसरा महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, देहरादून,उत्तराखंड के साथ किया गया। समझौता ज्ञापनों(एमओयू) पर एनआईटी, उत्तराखंड की तरफ से निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, और आईआईटी,चेन्नई के निदेशक प्रो.वी.कामकोटि तथा महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, देहरादून की तरफ से वहां के निदेशक प्रोफेसर मनोज कुमार पांडा ने हस्ताक्षर किये।
आईआईटी,चेन्नई के साथ समझौते के उपरांत प्रोफेसर अवस्थी ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा “शैक्षिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के साथ संकाय और छात्रों के आदान-प्रदान को लेकर ये महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। छात्रों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने और उन्हें 21वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए एक जीवंत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है जो कि शैक्षिक संस्थानों के मजबूत शैक्षणिक सहयोग से ही संभव है।”
उन्होंने कहा कि एनआरआईएफ रैंकिंग 2023 के अनुसार आईआईटी चेन्नई भारतीय तकनीकी संस्थानों में शीर्ष स्थान पर है। यह एमओयू दोनों संस्थानों के बीच शैक्षिक साझेदारी और अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक सकारात्मक कदम है,साथ ही हायर स्टडीज में रूचि रखने वाले एनआईटी, उत्तराखंड के स्नातक छात्रों के लिए सुनहरा अवसर भी है। एमओयू में उल्लिखित शर्तों के तहत एनआईटी में बीटेक प्रोग्राम के तीसरे साल (छठे सेमेस्टर) में आठ सीजीपीए लेने वाले स्टूडेंट अपना चौथा साल आईआईटी चेन्नई में पूरा कर सकते हैं। इसके लिए छात्रों से आईआईटी द्वारा कोई अतिरिक्त फीस नहीं ली जाएगी,जो फीस उन्होंने एनआईटी,उत्तराखंड में दी होगी, वही मान्य होगी। साथ ही ऐसे छात्रों को पीएचडी करने के लिए गेट परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि उन्हें आईआईटी चेन्नई अपने पीएचडी प्रोग्राम में सीधे एडमिशन का मौका देगा। हालांकि यह सुविधा आठ सीजीपीए लेने वाले शीर्ष 10 प्रतिशत बीटेक छात्रों को ही मिलेगी।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा कि इस समझौते के तहत पारस्परिक हित के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास में सहयोग के अलावा कौशल विकास कार्यक्रम,संकाय विकास कार्यक्रम,छात्रों और संकाय के प्रशिक्षण में सहयोग, छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन/शीतकालीन इंटर्नशिप,अतिथि व्याख्यान,कार्यशाला कार्यक्रम, छात्र प्रशिक्षण और दौरे,और अन्य शैक्षणिक मामलों में संयुक्त सहयोग और भागीदारी की भी परिकल्पना की गई है।
आईआईटी चेन्नई के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि ने एनआईटी उत्तराखंड के साथ ऑनलाइन माध्यम से किये गए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया और इसे अनुसन्धान और विकास के क्षेत्र में दोनों संस्थानों के संकाय और छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर कहा।
वही दूसरा एमओयू महिला प्रौद्योगिकी संस्थान,देहरादून, उत्तराखंड के साथ दोनों संस्थानों के अधिकारियों की उपस्थित में एनआईटी के श्रीनगर परिसर में किया गया। इसके तहत संयुक्त अनुसंधान गतिविधियाँ, अनुसंधान कार्य का संयुक्त पर्यवेक्षण,आपसी हित के विषयों पर संयुक्त सम्मेलन या संगोष्ठी आयोजन,संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्वानों का दौरा और आदान-प्रदान आदि शामिल है।
डब्लूआईटी के निदेशक प्रोफेसर मनोज कुमार पांडा ने एमओयू पर हर्ष व्यक्त किया। प्रोफेसर अवस्थी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रोफेसर पांडा ने कहा यह समझौता ज्ञापन एक आशाजनक साझेदारी का प्रतीक है जो अनुसंधान,नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा,जिससे दोनों संस्थानों की प्रगति और स्थानीय समस्याओं का समाधान ढूढनें में मदद मिलेगी। साथ ही राज्य की महिलाओं को आवश्यक तकनीकी ज्ञान और कौशल प्रदान करने में मदद मिलेगी।
एमओयू हस्ताक्षर समारोह में डॉ.सनत अग्रवाल (डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी,एनआईटी),डॉ.शशांक भतरा,डॉ.रोहित कुमार मौजूद थे।