प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के श्रीनगर सेवाकेंद्र में आने वाली महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पधारे ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय निदेशक बी.के मेहरचंद ने शिव और शिवरात्रि पर्व के आध्यात्मिक रहस्यों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि परमात्मा एक है वो एक परमात्मा ही शिव हैं। उन्होंने कहा कि आज से 2000 वर्ष पहले भारत शिवमय था।महान साहित्यकार कालिदास,राजा विक्रमादित्य सहित बड़े-बड़े राजे महाराजे आम जनमानस सब शिव भक्त थे। किंतु आज
सुख के सागर,शांति के सागर शिव का देश दुखी और अशांत है। उन्होंने कहा कि दुख अशांत से मुक्त होने के लिए शिव से संबंध जोड़ने की विधि राजयोग सीखने की जरूरत है। जिसकी शिक्षा ब्रम्हाकुमारीज के सभी सेवा केंद्रों पर निशुल्क प्रदान की जाती है। रुड़की से पधारे बीके में लक्ष्मी चंद जी ने कहा कि जब तक हमारा नाता शिव से नहीं जुड़ेगा तब तक हम दुखों से छूट नहीं सकते अर्थात सच्चे मन की शांति को प्राप्त नहीं कर सकते । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 महेश चंद् सती जी ने कहा की ब्रह्माकुमारी संस्था 137 देश में भारत के प्राचीन राजयोग के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान प्रचार प्रसार कर रही है और 8500 सेवा केंद्रों में 50,000 से अधिक ब्रह्माकुमारी बहाने पूरे विश्व में काम कर रही है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो0 अनीता सती जी ने कहा कि आध्यात्मिकता के द्वारा व्यक्ति मन के संकल्पों में शुद्धता आती है जिससे समाज में आपसी स्नेह का विकास होता है I
ब्रह्माकुमारी नीलम बहन जी ने सभी को नशे से हो रहे दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी तथा नशा मुक्ति की प्रतिज्ञा भी करवाई गई। अंत में सभी ने शिव ध्वजारोहण किया गया। बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। समाजसेवी भोपाल सिंह चौधरी जी ने आए हुए अतिथियों एवं कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रीनगर एवं आसपास के क्षेत्र वासियों का धन्यवाद किया एवं आने वाली महाशिवरात्रि पर्व की बधाइयां दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर जे.के तिवारी, उमा जोशी, आशा डोभाल, कमला, महावीर आदि का सहयोग रहा
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