रूड़की- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को कोर विश्वविद्यालय, रूड़की में विकसित भारत अभियान के तहत ‘भारत ज्ञान समागम-2024’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। भारत ज्ञान समागम में देशभर के 20 राज्यों के 50 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और 400 से अधिक शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्यों/प्राचार्यों एवं शिक्षाविदों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिक्षाविदों को सम्मानित किया और समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने इस अभूतपूर्व आयोजन के लिए कोर विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस समारोह के आयोजन से हमारे समाज एवं ज्ञान-विज्ञान को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिम्ब उस देश में स्थित शिक्षण संस्थान होते हैं। भारत की समृद्धि में हमारी समृद्ध शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों का यह सही समय है जब उन्हें अध्ययन, अनुसंधान और समर्पण के माध्यम से आगे बढ़ना है। यह समय हमें अपने विश्वविद्यालयों को तराशने और उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतर मानकों और दर्शनों के साथ मिलाकर उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों में बदलने का समय है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को देश के विकास में योगदान देने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ग्रहण कर रहे हमारे युवाओं का भविष्य संवारने में विश्वविद्यालयों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे कुशल युवाओं को तैयार करें जो रोजगार ढूंढनें वाले न हों बल्कि रोजगार प्रदान करने वाले हों। उन्होंने कहा कि इन्हीं युवाओं के बलबूते हम विश्व गुरू और विश्व भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर पायेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों की समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उपस्थित शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वे आने वाली अमृतकाल की पीढ़ी के युवाओं को अपने अनुभवों से तराशें। उन्होंने शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वे अपनी ज्ञान गंगा से भारत को नई ऊँचाईयों में ले जाने में अपनी सहभागिता दें। राज्यपाल ने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन सशक्त एवं समृद्धशील भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।