* प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। विकास खण्ड पौड़ी के ब्लॉक सभागार में उमंग स्वायत्त सहकारिता व साधना स्वायत्त सहकारिता की जलवायु अनुकुल कृषि विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार से शुरू हो गया। इस प्रशिक्षण में 40 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण मे जलवायु परिवर्तन एवं पर्वतीय कृषि पर इसके प्रभाव व बचाव, फसल वर्गीकरण, भू-परिष्करण, पौधशाला प्रबंधन, जल प्रबंधन, मलचिंग-पलवार, फ़सल उन्नत प्रजाति, पादप पोषण, एकीकृत कृषि आदि विषयों पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) की ओर से जलवायु अनुकुल कृषि पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने काश्तकारों को जलवायु परिवर्तन के साथ फसलों में भी परिवर्तन करने के टिप्स दिए।
ब्लॉक सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्धाटन ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकशाल ने किया। उन्होंने काश्तकारों को जलवायु परिवर्तन के साथ खेती में भी बदलाव करने की बात कही। रीप आजीविका के सहायक प्रबंधक धनीलाल उनियाल ने काश्तकारों को रसायन मुक्त व जैविक खेती करने की आधुनिक विधियां बताई। कहा कि अधिक ऊंचाई वाली जगहों पर मंडुवा, झंगोरा आदि पारंपरिक फसलों को खेती अधिक कारगर होगी। जिसमें कम पानी के साथ कम मेहनत भी लगती है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रशिक्षक जिले के सभी 15 ब्लॉकों में आयोजित किया जा रहा है।
इस मोके पर मोहन, कविता, अक्षय तोमर, आशा नेगी, गीता रावत, जमुना, सुमित्रा, दीक्षा, पूजा साहिल नेगी आदि मौजूद रहे।