प्रदीप कुमार
पोखरी/श्रीनगर गढ़वाल। हिमवन्त कवि चद्र कुंवर बड़थ्वाल राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी चमोली में संस्कृत विभाग एवं उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार में संयुक्त तत्वाधान मैं व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय कालिदास के ग्रन्थों में संस्कृति से प्रेम प्यार था। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी चमोली के प्राचार्य प्रो.पंकज पंत द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी के प्राचार्य प्रो.पी.एस.जगवान नए कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार होगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो.के.एस.सतीश राष्ट्रीय संस्कृत अकादमी विश्विद्यालय तिरुपति (मध्य प्रदेश)द्वारा अपने उदूबोधन में कहा गया की कालिदास के ग्रन्थों में प्रेरणापद संस्कृति तत्वों का चिन्तन समाहित है जो की आधुनिक वर्तमान समाज के लिए अनुग्रहणीय है। कार्यक्रम के सह वक्ता डॉ.मृगांक मलासी राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग द्वारा कहा गया की कालिदास के ग्रन्थों में संस्कृतिक तत्व वर्तमान समाज के लिए अत्यधिक उपोदय है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.प्रसाद चंद्र जांगी राजकीय महाविद्यालय शीतलाखेत, अल्मोड़ा द्वारा कहा गया कि कालिदास के ग्रन्थों में प्राप्त संस्कृतिक चिन्तन वर्तमान साहित्यिक कवियों के लिए भी अनुकरणीय है, तथा उन्हें अन्त में संस्कृत विषय पर दिनकर की कविता संस्कृति के चार अध्याय की कुछ पंक्तियों से अपना वक्तव्य का समापन किया।
कार्यक्रम के मार्गदर्शक उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के सचिव एस.पी.खाली ने कालिदास की श्रेष्ठता कवित्व वैशिष्ट्यता पर अपना व्याख्यान दिया। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के अधिकारी डॉ.हरिश चन्द्र गुरुरानी ने कालिदास की कूतियों में सांस्कृतिक चेतना एवं वर्तमान समय में संस्कृत की उपादेयता विषय पर अपना व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी चमोली के प्राचार्य प्रो.पंकज पंत अपने अध्यक्षीय उदूबोधन में कालिदास के साहित्य की उत्कृष्टता एवं कवित्व शैली को वर्तमान तथा वैदिक युग से जोड़ते हुए अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.नंदकिशोर चमोला में सभी वक्ताओं, अतिथियों तथा श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.प्रवीण मैठानी, संस्कृत विभाग प्रभारी राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी चमोली द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के IQAC समन्वयक डॉ संदीप कुमार जुयाल तकनीकी संयोजक डॉ.आयुष बड़थ्वाल तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक /प्राध्यापिकाओं तथा अन्य महाविद्यालयों के आचार्यगण छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।