ऊखीमठ क्षेत्र मदमहेश्वर घाटी के बुरूवा में 12 वर्षों के बाद पांडव नृत्य का आयोजन

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत बुरूवा में 12 वर्षों बाद पाण्डव नृत्य के 18 वे दिन पाण्डवों द्वारा मधु गंगा में गंगा स्नान कर कई पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि गंगा स्नान में कई सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मधु गंगा की पावन धारा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। पाण्डवों के बुरूवा गाँव से मधु गंगा आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। बुरूवा गाँव में पाण्डव नृत्य के आयोजन से मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पाण्डव नृत्य में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं! आगामी पांच दिसम्बर को गैडा़ कौथिग व पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्र विसर्जित के साथ पाण्डव नृत्य का समापन होगा। शुक्रवार को ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों द्वारा पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये सम्पन्न कर पंच देव पाण्डवों का आवाहन किया गया तथा ठीक दस बजे पंच देव पाण्डव स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों, महिलाओं के पौराणिक जागरो तथा सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ मधु गंगा के लिए रवाना हुए तथा मधु गंगा के किनारे पहुँचने पर पंच देव पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्रों व पश्वाओ ने परम्परानुसार मधु गंगा में डुबकी लगाई तथा पण्डित विपिन सेमवाल ने पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्रों की विधि – विधान से पूजा-अर्चना कर अनेक पौराणिक परम्पराओं के तहत अनेक पूजाये सम्पन्न की। गंगा स्नान व पूजाये सम्पन्न होने के बाद पंच देव पाण्डवों की बुरूवा गाँव की ओर वापसी हुई तो ग्रामीणों द्वारा विभिन्न स्थानों पर पाण्डवों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया तथा पाण्डव पश्वाओ द्वारा ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया गया। पाण्डव नृत्य में कुन्ती,श्रीकृष्ण ,युधिष्ठिर,अर्जुन , भीम,नकुल,सहदेव, द्रोपती बबरीक,तिलमिल, हनुमान , नागार्जुन,फुलारी,घसियारी,गौरा वासुदत्ता,सुभद्रा सहित अनेक देवी – देवताओं के पश्वा नृत्य कर रहे हैं। जानकारी देते हुए प्रधान सरोज भटट् ने बताया कि दो दिसम्बर को मोरू कौथिग का आयोजन किया जायेगा। देखरेख वन पंचायत सरपंच माणिक लाल ने बताया कि तीन दिसम्बर को आयोजित हाथी कौथिग मुख्य आकर्षण रहेगा। वन पंचायत सरपंच बलवीर भटट् ने बताया कि चाहिए दिसम्बर को पय्या डाली कौथिग व अखण्ड जागरण के माध्यम से पंच देव पाण्डवों की स्तुति की जायेगी। महिला मंगल दल अध्यक्ष चन्द्रकला देवी व नव युवक मंगल दल अध्यक्ष रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि पांच दिसम्बर को गौण्डा कौथिग व पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्र विसर्जित के साथ पाण्डव नृत्य का समापन होगा।