प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। गौ माता को राष्ट्रमाता की पद पर प्रतिष्ठित कर भारत भूमि को धन्य बनाए जाने हेतु 20 नवंबर को राष्ट्रमाता गौ मंगलम अभियानम रामलीला मैदान दिल्ली में आयोजित। सनातन वैदिक संस्कृति को मूलस्तंभ चारों पुरुषार्थों को प्रदान करने वाली सर्वदेवमयी गाै को समस्त वेद, पुराण, उपनिषद, स्मृतिरादि धर्म ग्रंथो में माता कहा गया है। भारतीय संस्कृति की मूल पहचान गाै और गंगा है। भारतीय गौ क्रांति के सदस्य दिल्ली रामलीला मैदान में होने वाला गौ माता राष्ट्र माता प्रतिष्ठा आंदोलन में श्रीनगर श्रीकोट और आसपास के क्षेत्र से बस के द्वारा जाएंगे। भारत की आर्थिक, सामाजिक, भौतिक, सांस्कृतिक एवं सनातन धर्म की मूल धरोहर गौ माता ही है। भारतीय को क्रांति मंच ने दिल्ली जाने के लिए बसें लगा रखी हैं कल भारतीय को क्रांति के सदस्य और अन्य गौ सेवक 20 नवंबर को होने वाला इस आंदोलन में शामिल होंगे। इस मौके पर सचिव राजेंद्र प्रसाद बर्थवाल ने कहा है कि गोपाल मणि महाराज विगत कई वर्षों से गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए कई रैलियां और पूरे देश में जन जागृति कार्यक्रम कर रही है लेकिन सरकार ने अभी तक गौ माता को राष्ट्रमाता बनाने के लिए किसी तरह से सकारात्मक कार्य नहीं किया है जबकि सरकार से जनमानस आस लगाए बैठे हैं कि इस समय गौ माता को राष्ट्र माता सरकार अपनी कार्रवाई करें। इस मौके पर मंजू मैठानी अध्यक्ष, सुंदरी देवी, नीलम पोखरियाल, सावित्री गैरोला, मंजू मनाैड़ी, कलम सिंह, लक्ष्मी गैरोला, बबीता पांडे, मंजू डाेभाल, पिंकी रावत,भगत सिंह बिष्ट, अरुण नेगी, पदमेंद्र रावत, भूपेंद्र रावत, परमानंद, सूर्य प्रकाश नौटियाल, किशन लाल, मनवार सिंह रावत, बिशनलाल आदि थे।