प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद श्रीनगर का दस सदस्यीय दल नैनीताल में त्रिदिवसीय शैक्षिक सांस्कृतिक राष्ट्रीय महोत्सव में सम्मिलित हुआ। जिसमें 23 राज्यों के 400प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
इस कार्यक्रम में भगत सिंह कोश्यारी ( पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड) तथा पूर्व शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने किया त्रि दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव का सरोवर नगरी नैनीताल में उद्घाटन। इस अखिल भारतीय महोत्सव में तेइस राज्यों के चार सौ से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में सुमित हृदयेश विधायक हल्द्वानी, मनोज तिवारी विधायक अल्मोड़ा मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राजकीय इंटर कॉलेज न्यूली, टिहरी गढ़वाल की अध्यापिका नीलम थपलियाल मैठाणी व साहित्यकार नीरज नैथानी ने मंच संचालन किया।
श्रीनगर गढ़वाल से हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् के दस सदस्यीय दल ने इस सम्मेलन में भाग लिया। देवकीनंदन भट् (शैल नट संस्था हल्द्वानी शाखा) के संयोजकत्व में संपादित होने वाले इस सांस्कृतिक शैक्षणिक महाकुंभ में अपना सहयोग प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध रंगकर्मी व शैलनट संस्था के संस्थापक प्रमुख श्रीश डोभाल भी नैनीताल में विगत कई दिनों से न केवल डेरा डाले रहे वरन् समर्पण भाव से सक्रिय रहे। हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् श्रीनगर गढ़वाल द्वारा इस आयोजन में हिमालय के तीर्थ एवं पर्यटन स्थलों की फोटो गैलरी लगाई गई।इसके साथ ही परिषद् ने पुस्तक प्रदर्शनी,कविता पोस्टर आदि के माध्यम से सामाजिक,शैक्षणिक व साहित्यिक संदेश प्रचारित प्रसारित किये जाने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया। श्रीनगर से नीरज नैथानी,
डा०प्रकाश चमोली,माधुरी नैथानी,सुरक्षा उनियाल,देवेन्द्र उनियाल, अजय चौधरी,कौशल्या नैथानी,आरती रावत पुण्डीर,किरन नैथानी, देवेश्वरी सेमवाल तथा मीनाक्षी चमोली ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी उपस्थिति अंकित की। नैनीताल के त्रि दिवसीय अखिल भारतीय समारोह में रुड़की की साहित्यिक संस्था ‘नव सृजन ‘ के रचनाकारों -एस के सैनी,सुबोध कुमार पुण्डीर सरित,नवीन शरण निश्चल,पंकज त्यागी असीम, माधुरी नैथानी तथा नीरज नैथानी की कविता पोस्टर्स ने भी आगुंतक अतिथियों का पर्याप्त ध्यानाकर्षण किया। हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् श्रीनगर गढ़वाल द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी में गढ़वाल विश्वविद्यालय की पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमा मैठाणी, प्रोफेसर चरण सिंह केदार खण्डी,नीरज नैथानी,सुरेन्द्र कुमार सैनी, प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव, दिवाकर दत्त मैठाणी आदि लेखकों की कृतियों को प्रदर्शित किया गया। शिक्षक रोशन बलूनी के काव्य संग्रह ‘छंद प्रसून’ का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य, गुजरात का गरबा व अन्य राज्यों के लोक नृत्यों की धूम रही। पं बंगाल के चित्र कारों की पेंटिंग तथा विभिन्न प्रांतों के हस्तकला शिल्प की प्रदर्शनी ने भी लोगों को खूब आकर्षित किया। इस अवसर पर डा राकेश भट्ट के निर्देशन में नंद किशोर हटवाल द्वारा लिखित नंदा की कथा गीत नाटिका का प्रभावशाली मंचन भी चर्चित रहा।