प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय हिन्दी कवि सम्मेलन हरदोई (पाली) में हिमालय के कविराज नीरज नैथानी ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को अपनी कविता पाठ से मंत्रमुग्ध किया। सम्मेलन में लखनऊ से पधारे हास्य व्यंग्य के प्रख्यात कवि श्यामल मजूमदार ने अपने प्रभाव शाली काव्य पाठ से पंडाल को तालियों से गुंजायमान कर दिया। भोपाल से पधारी कवियत्री डॉ.विजय लक्ष्मी शुक्ला ने जब अपने मधुर कंठ से काव्य रचनाएं प्रस्तुत की तो श्रोता बहुत देर तक मंत्रमुग्ध होकर काव्य श्रवण के आनंदमयी सरोवर में गोते लगाते रहे। कीर्तिनगर के जय कृष्ण पैन्यूली ने धाराप्रवाह रचना पाठ कर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। हरदोई के सुप्रसिद्ध कवि अरविन्द मिश्रा ने देश प्रेम से ओतप्रोत काव्य पाठ कर श्रोताओं में ऊर्जा का नव संचार कर दिया। कानपुर से पधारे मुकेश श्रीवास्तव ने जब माइक संभाला तो फिर एक बाद दूसरी ओजमयी कविताएं प्रस्तुत कर वातावरण को जीवंतता से पूर्णित कर दिया । शाहजहांपुर से पधारे युवा कवि प्रशांत बाजपेई ने अपने ओजस्वी स्वर में काव्य पाठ कर कवि सम्मेलन को नव शिखर की ओर अग्रसर कर अपनी भूमिका का सार्थक निर्वहन किया। फर्रुखाबाद के स्थापित कवि निमिष टंडन ने अपने विशिष्ट अंदाज में कविता पाठ कर सिक्का जमाया। कवि सम्मेलन में सुखदेव पांडेय सरल ने अपने मुक्तकों से श्रोताओं को देर तक बांधे रखा। कविराज नीरज नैथानी ने गंगा पर केंद्रित रचनाएं प्रस्तुत कर हिमालय का प्रतिनिधित्व किया। शाहजहांपुर के वरिष्ठ एवं सुप्रसिद्ध कवि डॉ.सुरेश मिश्रा के कुशल व बंधे हुए मंच संचालन से यह कवि सम्मेलन उच्चतम शिखर पर स्थापित रहा। निश्चय ही आंचलिक मेले के लोक संसार की छवि से अलंकृत इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को कविगण व श्रोता दीर्घावधि तक स्मरण करते रहेंगे।