प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की 15 सदस्यीय टीम ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) के तुंगनाथ एल्पाइन शोध संस्थान का दौरा किया। इस दौरान नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट, महाप्रबंधक सुमन कुमार, उप महाप्रबंधक सुमेर चंद ने हैप्रेक के ओर से जड़ी-बूटी के सरंक्षण और संवर्द्धन के लिए किये जा रहें कार्यों के बारे में जाना। हैप्रेक के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विजयकांत पुरोहित के दिशा निर्देशन पर हैप्रेक संस्थान के डा. प्रदीप डोभाल और डा. सुदीप सेमवाल ने हैप्रेक के ओर वैज्ञानिक विधि से उगाई जा रही जड़ी-बूटियों के बारे में बताया। इस दौरान नाबार्ड की टीम ने तुंगनाथ फिल्ड स्टेशन में उगायी गई कुटकी, जटामांसी, चौरू, चिरायता, ब्रजदंती, रिक चौरू, फरड़, हथाजडी, वन ककडी डोलू, आर्चा की खेती के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर उन्होने हैप्रेक संस्थान के ओर से किये जड़ी-बूटी के संरक्षण एवं संवर्द्धन में किए जा रहें कार्यों की सरहाना की। इस मौक पर नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक ओमपल, पुनीत कुमार, राजीव प्रियदर्शी, गुरविंदर सिंह अहुजा, एएन शुक्ला, श्रेयांश जोशी, गिरीश चंद्र पंत, अखिलेश डबराल, हिमांक शर्मा, मुकेश बेलवाल, राकेश कुमार, राम अवध यादव मौजूद थे। इस मौके हैप्रेक के करण सिंह रौथाण सहित आदि मौजूद थे।