प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। आज 17 अक्टूबर को नागरिक मंच पौड़ी के कार्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध समाज सुधारक जयानंद भारती की जयन्ती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी में चर्चा के दौरान जयानंद भारती जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। समाज में दलित एवं वंचित वर्गों को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए किये गये संघर्ष, अकाल पीडि़तों की सहायता के लिए किये गये कार्यों, भृगु खाल और अन्य स्थानों में शिक्षण संस्थान खुलवाने को लेकर किये गये कार्य, बाल विवाह, कन्या विक्रय, वर्णव्यवस्था, अज्ञानता, अंधविश्वास, लैंगिक भेदभाव, खर्चीले रीतिरिवाजों, सामाजिक असमर्थता, धर्मांतरण जैसे ज्वलंत बुराइयों के प्रति इनके संघर्षों को याद किया गया। स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी के आह्वान पर आंदोलन किये जिस कारण ब्रिटिश कानूनों और आदेशों का उल्लंघन करने पर इन्हें 6 बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी। अंग्रेज गवर्नर विलियम हैली की पौड़ी प्रवास के दौरान तमाम सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर उन्हें काला झंडा दिखाने जैसी घटनाएं जयानंद भारती के जीवन से जुड़ी हैं। आजादी के लिए उनके संघर्षों के लिए उन्हें पहाड़ का गांधी की उपाधि से भी नवाजा गया।
इस अवसर पर नागरिक कल्याण समिति के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत, समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र बड़थ्वाल, नगर पालिका परिषद पौड़ी सभासद एवं समिति के महिला उपाध्यक्ष अनिता रावत, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश चन्द्र नौडि़याल, समिति के उपाध्यक्ष और पूर्व सैनिक पद्मेन्द्र सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष मकान सिंह रावत आदि ने चर्चा में भाग लिया।
प्रतिभागियों ने इस पर दुख व्यक्त किया कि बस अड्डा निर्माण के लिए जयानंद भारती की मूर्ति को हटाया गया था जिसे लगभग 15 वर्षों से अधिक समय से लावारिस हालत में स्टोर में रखा हुआ है।
बैठक में मांग की गई कि जयानंद भारती की मूर्ति को ससम्मान पुनः बस अड्डे पर स्थापित किया जाय और बस अड्डे को जयानंद भारती के नाम पर समर्पित किया जाय।