प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड में गुलदार के हमले कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं जनपद टिहरी के कीर्तिनगर ब्लॉक के निकट चौरास गुरसाली में घास काटते समय पास ही सहस्त्रधारा गाढ़ गदेरा में नाैर गांव की महिला घास काटने गई थी नरभक्षी बाघ ने घात लगाकर गले व सर में नाखून दांत मारने से महिला को मौत के घाट उतार दिया घटना के बाद से ही पूरे चाैंरास क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना सुबह 10 बजे के करीब की है नाैर गांव निवासी लक्ष्मी देवी पत्नी देवेंद्र पुरी जंगल में घास लेने जा रही थी इसी दौरान घात लगाए बैठे नरभक्षी गुलदार ने महिला पर हमला कर दिया जिससे जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
चाैरास क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नेगी ने सभी क्षेत्रवासियों से अनुरोध किया है कि घास लेने के लिए महिलाएं अकेले जंगल न जायें साथ ही घरों में अपने आपको व बच्चों का ध्यान रखें किसी को भी कहीं बाघ/गुलदार दिखे तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें सभी लोग सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि सरकार और वन विभाग को इस मामले में जरूरी कारगर कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब कोई गुलदार या बाघ को वन विभाग जिंदा पिंजरे में पकड़ता है तो वन विभाग उसको कहां और किस जगह छोड़ता है।
वन विभाग के अधिकारियों से पूछा जाए की गुलदार या बाघ मनुष्यों पर हमला करता है तो वन विभाग उस नरभक्षी गुलदार या सामान्य बाघ की पहचान कैसे करता है।
वन विभाग बाघ/गुलदार को इस जंगल से पड़कर दूसरे जंगल में छोड़ देते हैं क्या वन विभाग उस नरभक्षी बाघ की लगातार निगरानी करता है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नेगी नेगी का कहना है कि सरकार को पशुओं से प्रेम है न की मनुष्यों से इसीलिए तो जंगल के प्राणघाती नरभक्षियों को बचा रही है सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है मनुष्यों को बचाएं नहीं तो एक दिन देखते-देखते नरभक्षी बाघों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी और मनुष्यों की कम वैसे भी सरकारी आंकड़ों के हिसाब से उत्तराखंड में बाघों व गुलदारों की संख्या में तीसरे स्थान पर है।