राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वच्छ भारत अभियान के तहत श्रमदान स्वच्छता अभियान चलाया गया

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जयंती के एक दिन पूर्व माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाहन पर संस्थान छात्रों कर्मचारियों और संकाय सदस्यों ने सामूहिक रूप से स्वच्छता के लिए 1 घंटे श्रमदान किया। इस अवसर पर संस्थान के माननीय निदेशक, प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और लोगो से राष्ट्र की इन महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनके बताए आदर्श मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उपस्थित सभी लोगो ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
तत्पश्चात प्रोफेसर अवस्थी ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि “स्वच्छता ही सेवा 2023” पखवाड़ा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर, 2014 को भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए देशव्यापी अभियान “स्वच्छ भारत अभियान” का ही एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारतीय स्वच्छता लीग 2.0, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर और सामूहिक स्वच्छता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी जुटाना है।


उन्होंने कहा स्वच्छ भारत मिशन से पहले सरकार द्वारा चलाया गया निर्मल भारत अभियान कतिपय कारणों से व्यापक परिवर्तन नहीं ला पाया था। इसलिए, 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, कैबिनेट की मंजूरी से, निर्मल भारत अभियान को स्वच्छ भारत अभियान के रूप में पुनर्गठित किया गया।
स्वच्छ भारत अभियान को सफलतम अभियान बताते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और अथक प्रयासों के कारण यह अभियान आजाद भारत में चलाये गए सभी स्वच्छता अभियानों में सबसे व्यापक जनसमर्थन जुटाने में सफल रहा है। इस अभियान ने न केवल देश के नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है बल्कि हमारे देश की छवि स्वच्छता के लिए काम कर रहे देश के रूप में बनाने में भी मदद की है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रथम चरण के तहत खुले में शौच को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने के लिए भारत सरकार द्वारा देशव्यापी जन आंदोलन चलाया गया जिसके परिणाम स्वरुप 2019 में खुले में शौच-मुक्त स्थिति का लक्ष्य हासिल करके, भारत ने अपना सतत विकास लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित समय 31 दिसंबर 2030 से ग्यारह साल पहले, एक रिकॉर्ड समय में हासिल कर लिया है।
प्रोफेसर अवस्थी अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि स्वच्छता बनाये रखना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि भारत देश के हर नागरिक का यह नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है कि वह अपने चारों ओर के वातावरण को गंदा नहीं करे और न ही सार्वजनिक स्थलों पर गन्दगी फैलाये। जिस प्रकार से हम अपने घर को और स्वयं को साफ़ सुथरा रखना पसंद करते है उसी प्रकार से भारत देश को स्वच्छ, साफ़ और सुन्दर बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। कोई भी सरकारी प्रयास या सरकारी स्वच्छता अभियान तब तक प्रभावशाली नहीं हो सकता जब तक कि हम पूरे भारत देश को अपना घर समझकर सार्वजनिक स्थलों और उपक्रमों पर कूड़ा कचरा न फेंककर गंदगी नहीं फ़ैलाने का संकल्प लेते है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान में श्रमदान देने वाले लोगो को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि कि गाँधी के स्वच्छ और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को इस राष्ट्रीय अभियान का सम्मान करते हुए करते हुए इसका अनुसरण करना चाहिए और अपने सकारात्मक प्रयासों से इसे सफल बनाने का हर संभव प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने एनआईटी परिवार से एक घंटा केवल एक अक्टूबर को ही नहीं अपितु एक घंटा प्रतिदिन सफ़ाई करने का संकल्प लेने का आह्वाहन किया और घोषणा किया कि एनआईटी उत्तराखंड स्वच्छ भारत अभियान को एक पखवाड़ा नहीं बल्कि पूरे वर्ष चलाएगा। और स्वच्छता अभियान सदा के लिए एनआईटी,उत्तराखंड का एक अभिन्न अंग रहेगा।
कार्यक्रम के अंत में निदेशक ने संस्थान में कार्यरत सफाई मित्रों को स्मृति चिह्न , प्रशस्ति पत्र और खादी का थैला देकर सम्मानित किया और सभी लोगों से प्लास्टिक थैले कि जगह कपडे से बने थैले प्रयोग करने का अनुरोध किया।
प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी ने भी अपने सम्बोधन में लोगो से स्वच्छता को अपनी दिनचर्या में शामिल करने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरणा लेते हुए सत्य,अहिंसा, ईमानदारी और कर्मठता के मार्ग पर चलने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.राकेश कुमार मिश्रा (एसोसिएट डीन, स्टूडेंट वेलफेयर) ने किया।