प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र कीर्तिनगर में कार्यरत प्रशिक्षु डॉक्टरों, एमएसडब्ल्यू, हैल्थ विजिटर द्वारा जुयालगढ़ में समुदाय के बीच डेंगू के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान ग्रामीणों को डेंगू से बचाव एवं डेंगू होने की स्थिति में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।
बरसात का मौसम आते ही डेंगू के मामले बढ़ने लगते हैं। दरअसल बारिश में जगह-जगह पानी भरने की वजह से डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। समय रहते इसका इलाज न मिलने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। डेंगू के शुरुआती लक्षण नॉर्मल फ्यू या वायरल बुखार से मिलते-जुलते होते हैं, जिस वजह से लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जब तबियत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगती है, तब डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। इस लापरवाही और जानकारी की कमी की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बारिश के मौसम में अगर बुखार, सिर में तेज दर्द जैसी समस्याएं लगातार कई दिनों से बनी होती हैं, तो तुरंत डेंगू का टेस्ट कराना चाहिए, साथ ही इससे बचाव के उपायों के बारे में भी जानना जरूरी है। इसके लिए समुदाय के बीच जाकर डेंगू के प्रति जागरूकता अभियान के तहत बताया गया कि घर के आसपास या घर के अंदर पानी न जमा होने दें। गमलों, कूलर, रखे हुए टायर में पानी भर जाए, तो इसे तुरंत निकाल लें। साफ- सफाई का इन दिनों में खास ख्याल रखें। कूलर में अगर पानी है, तो इसमें कैरोसिन तेल डालकर रखें, इससे मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है। घर में पानी की टंकियों को खुला न छोड़े,अच्छी तरह ढककर रखें। फुल स्लीव और पैरों को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहनें। बच्चों को मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाकर ही बाहर भेंजें। इस दौरान बताया गया की अगर किसी को लगातार मसल्स और ज्वॉइंट्स में पेन, सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसा महसूस होना जैसे लक्षण लंबे समय तक बने रहे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेंनी चाहिए। इस दौरान हिमांशु रावत, बिजेन्द्र सिंह, मीना कंडारी, डॉ.संदीप जोशी, डॉ.सौम्या जुयाल, डॉ.शिवांगी सिंह, डॉ.रॉकी शर्मा, डॉ.शिवानी मलासी आदि उपस्थित रहे।